1. कर्ज मिलने में आसानी अगर कोई व्यक्ति बैंक लोन के लिए आवेदन करता है तो उससे आयकर रिटर्न मांगा जाता है। अगर वह नियमित तौर पर रिटर्न दाखिल करता है तो उसे आसानी से कर्ज मिल सकता है।
2. वीजा के लिए जरूरी विदेश यात्रा के लिए वीजा आवेदन के दौरान तीन से पांच साल का आयकर रिटर्न मांगा जा सकता है। इससे आवेदन करने वाले व्यक्ति की वित्तीय स्थिति का पता लगाया जाता है।
3. रिफंड दावा करने के लिए आपको करदाता को कर रिफंड के लिए दावा करना है तो इसके लिए आईटीआर दाखिल करना जरूरी है। आयकर विभाग उसका आकलन करता है। आपका अगर रिफंड बनता है तो वह सीधे बैंक खाते में भेज दिया जाता है।
4. नुकसान का समायोजन अगर करदाता को शेयर या म्यूचुअल फंड में घाटा होता है तो वह उस घाटे को अगले साल समायोजित कर सकता है। लेकिन इसके लिए आईटीआर भरना जरूरी है। अगले साल करदाता को लाभ होता है तो यह घाटा इस फायदे से समायोजित होगा।