आयकर विभाग ने वार्षिक सूचना विवरण से जुड़ी एक नई सुविधा की शुरुआत की है। विभाग का दावा है कि इससे करदाता के वित्तीय लेन-देन के ब्योरे में पारदर्शिता आएगी।
इसके जरिए करदाता किसी लेन-देन के बारे में अपनी सफाई या प्रतिक्रिया दे सकेगा। इसे फीडबैक मैकेनिज्म नाम दिया गया है। एआईएस यानी वार्षिक सूचना विवरण में करदाता के ऐसे सभी लेन-देन की जानकारी शामिल होती है, जिस पर कर देयता बन सकती है।
कैसे होगा एआईएस में दर्ज हुई भूल में सुधार: करदाता किसी लेन-देन पर प्रतिक्रिया देने के बाद उसके स्थिति को देख सकता है। उसकी प्रतिक्रिया वित्तीय लेन-देन करने वाले स्रोत के पास चली जाएगी। वह उसे या तो आंशिक रूप या पूर्ण रूप से स्वीकार कर सकता है। अगर वह इसे पूरी तरह स्वीकार कर लेता है तो वह अपनी जानकारी को सही करेगा।
आयकर विभाग विभिन्न स्रोतों से मिली जानकारियों के आधार पर वार्षिक सूचना विवरण तैयार करता है। अब तक करदाता अपने लेन-देन के विवरण तो देख सकता था। लेकिन,उस पर अपनी प्रतिक्रियानहीं दे सकता था। अब नई व्यवस्था में टिप्पणी दे सकता है।