लखनऊ : अब तक हुए चुनावों में मतदान के लिए पोलिंग पार्टियों के बूथ पर पहुंचते ही सेक्टर अथवा जोनल मजिस्ट्रेट द्वारा कार्मिकों की ड्यूटी के हिसाब से निर्वाचन भत्ता का भुगतान कर दिया जाता था। इस बार ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है।
मतदान कार्मिक की भूमिका निभाने वाले ओहदेदारों ने मौखिक व लिखित शिकायतें शुरू कर दी हैं। कोई सोशल मीडिया के चर्चित प्लेटफार्म पर सीधे चुनावा आयोग को टैग करके शिकायत कर रहा है तो कोई जिला निर्वचान अधिकारी व स्थानीय अन्य जिम्मेदारों से गुहार लगा रहा है।
अब तक लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 में मतदान के पांच चरण संपन्न हो चुके हैं। बूथों पर संपन्न कराया गया था। चुनाव में लगाए गए कार्मिक में पोलिंग बूथ के हिसाब से लगभग लाखों मतदान कार्मिक लगाए गए थे। जिसमें पीठासीन से लेकर प्रथम, द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ स्तर तक के पदों पर कार्मिक लगाए गए थे। जिनके काम के हिसाब से भत्ता भी तय था। कई ज़िलों से आ रही सूचनाओं के अनुसार कार्मिकों का कहना है कि 10 दिन बीत गए लेकिन अब तक की जा चुकी चुनाव ड्यूटी का 'भत्ता नहीं दिया गया है।
शिकायतकर्ताओं ने चुनाव आयोग के सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पीजीआरएस शिकायत प्रकोष्ठ इलेक्शन कमीशन आफ इंडिया पर शिकायत करते हुए मतदान कार्मिक की डूयूटी का पूरा विवरण भी दिया है। जिसमें बूथ संख्या, विधानसभा, मतदान कार्मिक का पद इत्यादि का विवरणे दिया है। वहीं चुनाव आयोग ने इसका संज्ञान लेते हुए शिकायतकर्ता को जवाब भी दिया है। जिसमें उसकी शिकायत स्वयं निस्तारित करवाने का प्रयास करते हुए जवाब दिया गया है।