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Monday, April 8, 2024

Income Tax HRA Claims एचआरए क्लेम्स फर्जीवाड़े में नहीं की जा रही कोई विशेष कार्रवाई, CBDT ने दी सफाई

Income Tax HRA Claims एचआरए क्लेम्स फर्जीवाड़े में नहीं की जा रही कोई विशेष कार्रवाई, CBDT ने दी सफाई 

🔴 लोगों को गलतियां सुधारने का मिल रहा मौका

🔴 जुर्माना या केस रीओपन नहीं किया जा रहा

CBDT: सीबीडीटी ने सोमवार को कहा कि इनकम टैक्स विभाग लोगों को गलतियां सुधारने का मौका दे रहा है. किसी के खिलाफ कोई विशेष अभियान नहीं चलाया जा रहा है.


CBDT: हाल ही में ऐसी कई रिपोर्ट्स सामने आई थीं, जिनमें दावा किया गया था कि देश में एचआरए क्लेम करने के लिए कई तरह के गलत तरीके इस्तेमाल किए जा रहे हैं. इनमें कहा गया था कि सीबीडीटी बड़े पैमाने पर ऐसे केस खोलने जा रहा है. अब सीबीडीटी ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा है कि फिलहाल ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. इन केसों को लेकर कोई विशेष अभियान नहीं चलाया जा रहा है. इनकम टैक्स विभाग द्वारा टैक्सपेयर्स को इस बारे में जानकारी दे दी गई है. विभाग ने टैक्सपेयर्स को इन गलतियों को सुधारने का मौका दिया जा रहा है.

CBDT clarifies that apprehensions about retrospective taxation on re-opening of cases on issues pertaining to HRA claims are completely baseless.  

CBDT has reiterated that there is no special drive to re-open such cases, and media reports alleging large-scale re-opening by the Department are misplaced.



लोगों को गलतियां सुधारने का मिल रहा मौका 

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने सोमवार को बयान जारी करते हुए गलत तरीके से एचआरए क्लेम करने के मामलों पर सफाई दी. सीबीडीटी के मुताबिक, ऐसा करने वालों के खिलाफ हमारी तरफ से कोई विशेष एक्शन नहीं लिया जा रहा है. इनकम टैक्स विभाग की यह रुटीन एक्सरसाइज है. इसमें टैक्स भरने वालों से होने वाली गलतियां सुधारने का मौका दिया जाता है. एचआरए क्लेम के मामलों में भी इसी प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है. 


जुर्माना या केस रीओपन नहीं किया जा रहा 

पिछले कुछ दिनों में विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर ऐसे दावे किए गए थे गलत तरीकों से एचआरए क्लेम करने वालों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है. सीबीडीटी ने साफ कर दिया है कि ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा. इनमें जुर्माने या मामले को री ओपन करने जैसे सभी खबरें आधारहीन हैं. वित्त वर्ष 2020-21 के कुछ बड़े एचआरए क्लेम के मामलों में जांच की गई थी. इसमें गलतियां पाई गईं. अब आईटी डिपार्टमेंट ने उन्हें भूल सुधार का मौका दिया है. 

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