बिजली विभाग : ऊर्जा मंत्री के हस्तक्षेप के बाद अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश निरस्त
लखनऊ। ऊर्जा विभाग में 50 साल से अधिक उम्र वालों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के मामले को ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस प्रकरण में विभागीय अफसरों को फटकार लगाई। इसके बाद यह आदेश निरस्त कर दिया गया है।
पावर कारपोरेशन की ओर से 30 सितंबर 2023 को 50 साल से अधिक उम्र वाले कर्मचारियों की स्क्रीनिंग करने का आदेश दिया गया। विद्युत वितरण निगमों ने इसकी सूची बनानी शुरू की। कई निगमों ने समूह घ के कर्मचारियों के खिलाफ चल रही जांच रिपोर्ट, लंबे समय से अनुपस्थिति, बीमारी, कार्यकुशलता आदि के आधार पर स्क्रीनिंग कर सूची तैयार कर ली।
कारपोरेशन की समीक्षा में पाया गया कि मध्यांचल ने अभी तक सूची नहीं दी है। इस पर 26 अप्रैल को मध्यांचल के निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) विकास चंद्र अग्रवाल ने सभी मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंता को दोबारा आदेश जारी करते हुए जल्द से जल्द सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इस आदेश के बाद हलचल मच गई। बताया जाता है कि कुछ कर्मचारियों ने पूरे मामले से ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को अवगत कराया।
ऊर्जा मंत्री ने कारपोरेशन के अधिकारियों से मामले की जानकारी ली और चुनाव के वक्त इस तरह की कार्यवाही पर नाराजगी जताई। ऊर्जा मंत्री के हस्तक्षेप के बाद रविवार को निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) विकास चंद्र अग्रवाल ने पूर्व में दिए गए निर्देश को निरस्त करने का आदेश जारी किया।