प्रयागराज। हाईकोर्ट ने पुलिस आयुक्त आगरा के छह जनवरी 24 के आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सेवानिवृत्ति के लाभों से वसूली का आदेश प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है। साथ ही रफीक मसीह के मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की कोर्ट ने दिया। याची अधिवक्ता सुयश पांडेय व नंदलाल पांडेय ने पक्ष रखा।
मामले में याची सुंदर सिंह उप निरीक्षक के पद से सेवानिवृत्त हुए। इस दौरान उनके ग्रेच्युटी के साथ-साथ पेंशन से लगभग 13 लाख रुपये पुलिस आयुक्त आगरा के आदेश से वसूली की गई। इसके विरोध में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गुहार लगाई गई।
याची अधिवक्ता ने कहा कि प्रतिवादियों ने बिना कोई नोटिस या सुनवाई का अवसर दिए बिना वसूली का आदेश पारित किया गया। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के रफीक मसीह मामले में दिए गए फैसले का भी जिक्र किया गया। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए वसूली आदेश को रद्द कर दिया। साथ ही कहा कि प्रतिवादी नए सिरे से विचार कर सकते हैं, लेकिन याची के विरुद्ध आदेश देते समय सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिया जाए।