पेंशन न अनुकंपा, न कृपा; पेंशन कर्मचारी का अधिकार, फंड की कमी से सफाईकर्मी की पेंशन न देने पर हाईकोर्ट खफा, दिया सख्त आदेश
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फंड की कमी बताकर सेवानिवृत्तकर्मियों के सेवानिवृति परिलाभों का भुगतान न कर पाने वाले नगर पालिका परिषद सिरसागंज फिरोजाबाद के चेयरमैन/अधिशासी अधिकारी के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि सेवानिवृत्त सफाईकर्मी याची व समान कर्मचारियों के परिलाभों का भुगतान कर दिया जाता है तो वे आदेश वापसी की अर्जी दे सकते हैं।
कोर्ट ने राज्य सरकार व नगर पालिका परिषद के चेयरमैन से इस मामले में तीन सप्ताह में जवाब भी मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने राजेश कुमार की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से कहा कि पेंशन आदि कृपा, अनुकंपा या पुरस्कार नहीं है। यह कर्मचारी का कानूनी अधिकार है, जिसे फंड की कमी के कारण रोका नहीं जा सकता।
कोर्ट ने कहा रेग्युलेशन 13 में स्पष्ट कहा गया है कि कर्मचारी की सेवानिवृत्ति से छह माह पहले सेवानिवृत्ति परिलाभों की गणना कर ली जाए और सेवानिवृत्ति के तुरंत बाद पेंशन आदि का भुगतान किया जाए। विलंब होने पर रिटायर कर्मचारी नौ फीसदी ब्याज पाने का हकदार हैं।
याचिका में पेंशन, भविष्य निधि आदि के भुगतान की मांग की गई है। कोर्ट ने छह माह में भुगतान कर जानकारी देने का आदेश दिया था। अधिशासी अधिकारी ने बताया कि नगर पालिका परिषद वित्तीय संकट से जूझ रही है। फंड की कमी के कारण भुगतान नहीं हो पा रहा है। छह माह का अतिरिक्त समय दिया जाए और बकाया किश्तों में भुगतान की अनुमति दी जाए।