तेज गर्मी के बीच बढ़ाया जा सकता है मतदान का समय, चुनाव आयोग ने शुरू किया मंथन, मतदान कर्मियों के लिए बढ़ेगी चुनौती
🔴 सुबह 8 बजे की जगह सुबह 7 बजे से शुरू हो सकती है वोटिंग
🔴 शाम को 5 बजे की जगह 7 बजे तक बढ़ाया जा सकता है समय
🔴 मौसम विभाग के तेज गर्मी के अनुमान के मद्देनजर आयोग ने शुरू किया मन्थन
नई दिल्ली : अप्रैल से जून के बीच सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान सियासी तेवरों के साथ ही चुनाव आयोग मौसम के तेवरों से निपटने की तैयारी में भी जुट गया है। मौसम विभाग की ओर से मई-जून के मौसम को लेकर जताए गए अनुमान के बाद आयोग ने जहां देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं के लिए पीने का पानी और छांव का इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं, वहीं मतदान का समय बढ़ाने पर भी मंथन शुरू कर दिया है।
संकेत हैं कि गर्मी के मद्देनजर मतदान शुरू होने का समय सुबह आठ बजे की जगह सुबह सात बजे किया जा सकता है। मतदान खत्म होने का समय शाम पांच बजे से बढ़ाकर सात बजे तक किया जा सकता है। हालांकि, मतदान का समय बढ़ने से मतदान कर्मियों के लिए चुनौती भी बढ़ जाएगी। उन्हें 12 घंटे से अधिक समय तक काम करना होगा, जिसमें गर्मी से बचाव और मतदान प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलाना शामिल होगा।
आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, यह पहल मौसम विभाग की उस एडवाइजरी को ध्यान में रखकर शुरू की गई है, जिसमें मई-जून में तापमान के सामान्य से ज्यादा रहने या लू की स्थिति में लोगों को दोपहर 12 से तीन बजे तक घर - से नहीं निकलने की सलाह दी गई है। माना जा रहा है कि ऐसी स्थिति में आयोग मतदान का समय सुबह एक घंटे और शाम को दो घंटे बढ़ाकर इसकी पूर्ति कर सकता है। चुनाव के दौरान वैसे भी आयोग का फोकस इस बात पर रहता है कि मतदाताओं की सहूलियत का पूरा ध्यान रखा जाए। साथ ही मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए सभी तरह की कोशिशें की जाएं। इनमें मतदान का समय बढ़ाना भी एक पहल है।
उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग ने मई-जून महीने में इस बार सामान्य से अधिक तापमान का अनुमान जताया है। लोकसभा के पांच चरणों के चुनाव इन दोनों महीनों में ही पड़ेंगे। इन सभी चरणों में उन राज्यों के भी चुनाव होंगे, जहां गर्मी औसतन ज्यादा पड़ती है। मई और जून महीने में लोकसभा चुनाव के तीसरे, चौथे, पांचवे, छठे और सातवें चरण के चुनाव होंगे। जो सात मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को होंगे।
मतदान कर्मियों के लिए चुनौतियां:
गर्मी से बचाव: तेज गर्मी में मतदान कर्मियों को लंबे समय तक बाहर रहना होगा, जिसके कारण उन्हें लू लगने का खतरा बढ़ जाएगा। आयोग को मतदान केंद्रों पर पर्याप्त छाया और पानी की व्यवस्था करनी होगी।
थकान: 12 घंटे से अधिक समय तक काम करने से मतदान कर्मियों थक सकते हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। आयोग को कर्मियों के लिए पर्याप्त विश्राम का समय सुनिश्चित करना होगा।
सुरक्षा: मतदान केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखना भी मतदान कर्मियों की जिम्मेदारी होगी। तेज गर्मी में सुरक्षाकर्मियों के लिए भी काम करना मुश्किल होगा।
तकनीकी समस्याएं: मतदान केंद्रों पर EVM और VVPAT जैसी तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। तेज गर्मी इन उपकरणों को प्रभावित कर सकती है। आयोग को इन उपकरणों की निगरानी और रखरखाव के लिए विशेष इंतजाम करने होंगे।