नई वोटर लिस्ट पर सुप्रीम कोर्ट संतुष्ट, चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर पूर्ण संतोष व्यक्त किया
लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में आगामी आम चुनावों के लिए तैयार की गई देश की अंतिम मतदाता सूची में केन्द्रीय चुनाव आयोग द्वारा किए जा रहे कार्यों पर पूर्ण संतोष व्यक्त किया है।
देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि केन्द्रीय चुनाव आयोग पर डुप्लीकेट और फर्जी मतदाताओं को हटाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने का आरोप लगाने का कोई आधार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्रीय चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तुत वोटर लिस्ट की तैयारी संबंधी रिपोर्ट के आधार पर यह टिप्पणी की।
‘संविधान बचाओ ट्रस्ट’ नामक याचिकाकर्ता द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर संतुष्टि जताते हुए कहा कि मामले में आगे किसी निर्देश की जरूरत नहीं है। पीठ ने इस पर सुनवाई बंद कर दी।
बिना प्रक्रिया के मतदाता का नाम नहीं हटा सकते
नई दिल्ली : भारतीय निर्वाचन आयोग ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि उचित प्रक्रिया का पालन किए बगैर किसी भी मतदाता का नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जा सकता। निर्वाचन आयोग के जवाब पर संतोष जाहिर करते हुए शीर्ष अदालत ने उस जनहित याचिका का निपटारा कर दिया, जिसमें मतदाता सूची में मतदाताओं के नामों में दोहराव का आरोप लगाया गया था।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की त्रुटि या मतदाताओं के नाम हटाए जाने की स्थिति में मतदाता पंजीकरण अधिकारी से संपर्क करने के लिए पर्याप्त उपाय किए हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि ऐसे में अब इस याचिका पर आगे कार्यवाही की जरूरत नहीं है।
चुनाव अधिकारियों को जारी किए निर्देश
अधिवक्ता अमित शर्मा ने पीठ को बताया, 29 मई 2023 के बाद निर्वाचन आयोग ने वोटर के नाम हटाने के संबंध में सभी मुख्य चुनाव अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इसमें किसी भी पीड़ित के लिए कानूनी उपाय भी किए गए हैं।