लखनऊ : राज्य सरकार ने उप्र न्यायिक सेवा के अधिकारियों के भत्तों को द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप एक जनवरी 2016 से पुनरीक्षित करते हुए उसका एरियर सहित भुगतान करने का निर्णय किया है। इससे राज्य सरकार पर सालाना 103 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्ययभार आएगा। इस बारे में शासनादेश भी जारी कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में यह निर्णय किया है। सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने चार जनवरी 2024 को आदेश दिया था कि सरकार उप्र न्यायिक सेवा के अधिकारियों के भत्तों के संदर्भ में द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग की सिफारिशों को पहली जनवरी 2016 से लागू करते हुए बढ़े भत्ते का एरियर सहित भुगतान करे।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने इस आदेश का अनुपालन 29 फरवरी तक करने का आदेश दिया था। इससे पहले सरकार न्यायिक सेवा के अधिकारियों का वेतन द्वितीय राष्ट्रीय न्यायिक वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप बढ़ा चुकी है। इसके अलावा राज्य सरकार ने उप्र लोक सेवा आयोग की अधीनस्थ सेवा की नियमावली में भी संशोधन को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दी है।