Uttar Pradesh Foundation Day 2024: देश का सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश ने बुधवार को अपना 75वां स्थापना दिवस मनाया. इस मौके पर सीएम योगी ने प्रदेशवासियों को बधाई दी।
Uttar Pradesh Foundation Day 2024: अयोध्या में राम मंदिर के बाद अब उत्तर प्रदेश के लिए आज 24 जनवरी का दिन गौरव का है. आज यूपी दिवस 75वां स्थापना दिवस मना रहा है. 1950 के पहले उत्तर प्रदेश संयुक्त प्रांत के नाम से जाना जाता था. दरअसल, 1 अप्रैल 1937 को ब्रिटिश शासन के दौरान संयुक्त प्रांत आगरा और अवध के तौर पर स्थापित किया गया था. ब्रिटिश काल में इसे यूनाइटेड प्रोविंस कहा जाता था. लेकिन 1950 में इसका नाम बदलकर उत्तर प्रदेश किया गया. फिर संक्षिप्त में इसका नाम यूपी हो गया.
यूपी दिवस मनाने की शुरुआत 2017 में शुरू हुई, जब मुंबई के बीजेपी नेता राम नाईक के अभियान पर सहमति जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर साल 24 जनवरी को यूपी दिवस मनाने का ऐलान किया. सीएम योगी और पीएम मोदी ने भी इस अवसर पर प्रदेशवासियों को उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस की बधाई दी है.
1950 में उत्तर प्रदेश नाम मिला
ब्रिटिश दौर में 1902 में नार्थ वेस्ट प्रोविंस का नाम बदल कर यूनाइटेड प्रॉविंस (संयुक्त प्रांत) ऑफ आगरा एंड अवध रखा गया था. 1920 में यहां की राजधानी इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) से बदलकर लखनऊ ट्रांसफर की गई. साल 1947 में यूनाइटेड प्रॉविंस को एक प्रशासनिक इकाई बनाया गया और 2 साल बाद टिहरी गढ़वाल और रामपुर की रियासतों को भी इसमें शामिल किया गया. इसके बाद साल 1950 में यूनाइटेड प्रॉविंस का नाम बदल कर उत्तर प्रदेश रखा गया.
संयुक्त प्रांत से उत्तर प्रदेश तक की यात्रा
उत्तर प्रदेश से पहले संयुक्त प्रांत को यूनाइटेड प्रॉविंस ऑफ आगरा ऐंड अवध भी कहा जाता था. अंग्रेजी हुकूमत में 1834 तक यह बंगाल प्रांत का हिस्सा था. तब देश में ही तीन ही प्रांत थे. बंगाल, बंबई और मद्रास प्रेसीडेंसी. लेकिन जब चौथे प्रांत के गठन की जरूरत हुई तोआगरा प्रांत का गठन हुआ. इसका प्रमुख गवर्नर होता था. 1858 में तत्कालीन गवर्नर लॉर्ड कैनिंग इलाहाबाद में आकर बसे. इसके साथ ही संयुक्त प्रांत की पूरी प्रशासनिक मशीनरी और राजनीतिक शक्ति इलाहाबाद हो गई.
इलाहाबाद से लखनऊ बनी राजधानी
1902 में इसे यूनाइटेड प्रोविंस ऑफ आगरा एंड अवध कहा जाने लगा. 1921 में तत्कालीन गवर्नर हरकोर्ट बटलर ने प्रशासनिक मुख्यालय इलाहाबाद से लखनऊ ट्रांसफर किया और प्रदेश की राजधानी लखनऊ हो गई. इसी के बाद 1937 में यूनाइटेड प्रोविंस ऑफ आगरा एंड अवध का नाम भी यूनाइटेड प्रोविंस यानी संयुक्त प्रांत हो गया. 1947 में स्वतंत्रता के साथ ही प्रांतों का पुनर्गठन हुआ. फिर 24 जनवरी 1950 को संयुक्त प्रांत उत्तर प्रदेश बन गया.
आज यूपी का 75वां स्थापना दिवस
इस मौके पर 24 जनवरी से चार फरवरी तक लखनऊ दिल्ली और नोएडा में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन होगा. उत्तर प्रदेश का 75वां स्थापना दिवस है. इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुभकामनाएं दीं हैं.बता दें कि योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2017 से हर साल 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस मनाने का ऐलान किया था. जिसके बाद साल 2018 से इस दिवस को मनाया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस 2024 को 24 से 26 जनवरी तक मनाया जाएगा, क्योंकि 24 जनवरी 1950 को संयुक्त प्रांत का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश की स्थापना हुई. वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश को विभाजन झेलना पड़ा और अलग उत्तराखंड राज्य बना.
पुराणों से आजादी तक
उत्तर प्रदेश के भौगोलिक इतिहास का उल्लेख महाभारत और रामायण जैसे महाग्रंथों में मिलता है. यह अयोध्या, काशी, मथुरा जैसे बड़े धार्मिक पर्यटन केंद्रों का राज्य भी है. अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला विराजमान हो चुके हैं. जबकि काशी में बाबा विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर और मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि में हर साल करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. आगरा का ताजमहल जो विश्व के सात आश्चर्यों में शामिल हैं,वहां भी लाखों की तादाद में देसी-विदेशी सैलानी आते हैं.
पौराणिक स्थलों का केंद्र
भगवान राम अयोध्या शहर में अवतरित हुए तो भगवान कृष्ण उत्तर प्रदेश के मथुरा में जन्मे. बौद्ध धर्म का उदय भी यहीं हुआ. भगवान बुद्ध को पूर्वी यूपी के कुशीनगर में निर्वाण प्राप्त हुआ. 1857 के विद्रोह में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में दौरान मेरठ, कानपुर और झांसी का बड़ा योगदान था.
राजनीतिक अहमियत
80 लोकसभा सीटों वाले यूपी को दिल्ली का द्वार माना जाता है. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू इलाहाबाद यानी आज के प्रयागराज में जन्मे और चुनाव लड़े.राजीव गांधी अमेठी से चुनाव लड़ते रहे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ से सांसद रहे. जबकि मौजूदा प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी वाराणसी संसदीय सीट से दो बार से सांसद हैं.