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Tuesday, January 23, 2024

NPS: रिटायरमेंट के बाद अब आप SLW के जरिए किस्तों में निकाल सकते हैं मैच्योरिटी की राशि

NPS: रिटायरमेंट के बाद अब आप SLW के जरिए किस्तों में निकाल सकते हैं मैच्योरिटी की राशि

रिटायरमेंट के बाद अब आप National Pension System (NPS) से मैच्योरिटी की राशि किस्तों में नियमित अंतराल यानी मासिक, तिमाही, छमाही और वार्षिक आधार पर सिस्टेमैटिक लंप सम विड्रॉल (एसएलडब्ल्यू या SLW) के जरिए निकाल सकते हैं। लेकिन निकासी योग्य एकमुश्त मैच्योरिटी की राशि पर ही आपको SLW की सुविधा मिलेगी।

नियमों के मुताबिक रिटायरमेंट या 60 वर्ष की उम्र के बाद एनपीएस से 60 फीसदी मैच्योरिटी की राशि आप एकमुश्त (lump sum) निकाल सकते हैं जबकि शेष 40 फीसदी राशि का उपयोग आपको एन्युटी प्लान की खरीद में करना होता है।

पीएफआरडीए (PFRDA) से 27 अक्टूबर को जारी नए दिशा -निर्देशों के मुताबिक रिटायरमेंट के बाद अब आपको यह विकल्प चुनने का अधिकार है कि आप निकासी योग्य 60 फीसदी मैच्योरिटी की राशि एसएलडब्ल्यू (SLW) के जरिए अधिकतम 75 वर्ष की उम्र तक या उससे पहले निकालें। एन्युटी को लेकर नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

एसएलडब्ल्यू के जरिए निकाली गई मैच्योरिटी की राशि पूरी तरह से टैक्स-फ्री होगी क्योंकि एनपीएस भी पीपीएफ (PPF), ईपीएफ (EPF) और एसएसवाई (SSY) की तरह ईईई (EEE) यानी एक्जेंम्प्ट-एक्जेंम्प्ट-एक्जेंम्प्ट कैटेगरी में है। यानी जहां न तो जमा करने पर, न निकासी और न रिटर्न पर टैक्स है। मतलब अधिकतम 60 फीसदी विड्रॉल पर टैक्स में छूट है।

एनपीएस ग्राहकों को इस सिस्टेमैटिक लंपसम विड्रॉल विकल्प को सक्रिय करने के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड के जरिए एक बार रिक्वेस्ट डालनी होगी। रिक्वेस्ट डालते समय एनपीएस ग्राहकों को इस विकल्प को शुरू और खत्म करने की तारीख बतानी होगी। साथ ही अनिवार्य रूप से यह भी स्पष्ट करना होगा कि वे कितनी राशि किस अंतराल पर चाहते हैं। प्रत्येक भुगतान के बाद शेष राशि एनपीएस में निवेश के रूप में बनी रहेगी। पेंशन फंड नियामक के अनुसार निकासी योग्य नहीं निकाली गई राशि पर रिटर्न मिलता रहेगा। लेकिन यह ध्यान रखें कि सिस्टेमैटिक लंपसम विड्रॉल विकल्प के एक्टिव होने के बाद NPS सब्सक्राइबर आगे कोई योगदान नहीं कर सकते हैं। इस विकल्प की सुविधा सिर्फ टियर-I अकाउंट के लिए है।

मौजूदा नियमों के मुताबिक एनपीएस ग्राहक रिटायरमेंट के बाद लंप सम विड्रॉल और एन्युटी दोनों या किसी एक कंपोनेंट को 75 वर्ष की उम्र तक टाल भी सकते हैं। जबकि 60 फीसदी मैच्योरिटी की राशि की निकासी या तो एकमुश्त या सालाना आधार पर कई बार में कर सकते हैं। लेकिन यदि निकासी सालाना आधार पर करते हैं तो आपको प्रत्येक वर्ष इसके लिए आवेदन करना होगा।

इसी साल मई में एनपीएस ग्राहकों को पीएफआरडीए की तरफ से एक और सुविधा प्रदान की गई थी। जिसके तहत NPS से एग्जिट के समय सब्सक्राइबर्स एन्युटी सर्विस प्रोवाइडर (ASP) यानी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से एक से ज्यादा एन्युटी/पेंशन स्कीम (annuity scheme) खरीद सकते हैं।

पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के 10 मई, 2023, के सर्कुलर के मुताबिक उन सब्सक्राइबर्स को NPS से एग्जिट के समय किसी एक एन्युटी सर्विस प्रोवाइडर से मल्टीपल एन्युटी स्कीम यानी एक से ज्यादा एन्युटी स्कीम खरीदने का विकल्प मुहैया कराया जाएगा, जिनके एन्युटी कॉर्पस (annuity corpus) 10 लाख रुपये से ज्यादा होंगे। लेकिन प्रत्येक एन्युटी स्कीम कम से कम 5 लाख रुपये का होगा।



NPS : आपके नाम पहले से है घर तो नहीं कर सकेंगे निकासी

पीएफआरडीए ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को लेकर जारी किए नए नियम, एक फरवरी, 2024 से हो जाएगा लागू


पेशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत निकासी को लेकर नए नियम जारी किए हैं, जो एक फरवरी से लागू हो जाएंगे। इसके तहत, अगर आपके नाम पर पहले से एक घर मौजूद है, तो नया घर खरीदने या बनवाने के लिए एनपीएस खाते से आंशिक निकासी नहीं कर पाएंगे। सर्कुलर में यह भी बताया गया है कि एनपीएस से अधिकत्तम आंशिक निकासी की सीमा क्या होगी और किन कार्यों के लिए पैसे निकाल सकते हैं।


इन कार्यों के लिए निकासी सुविधा

■ बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए।
■ बच्चों की शादी-विवाह के लिए।
■ पहला घर खरीदने, होम लोन पुनर्भुगतान और अन्य के लिए भी निकासी कर सकते हैं।
■ गंभीर बीमारी, इलान और मेडिकल संबंधी अन्य खर्च के लिए।
■ आपात स्थिति में भी निकासी संभव।
■ किसी तरह का कारोबार शुरू करने या स्टार्टअप के लिए भी निकासी कर सकते हैं।


01 फरवरी से बदल जाएंगे NPS विड्रॉल का नियम, जानिए कितना और कैसे कर सकेंगे पैसा विड्राल? 

पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) के तहत विड्रॉल के नए नियम पेश किए हैं, जो 1 फरवरी 2024 से लागू कर दिया जाएगा. पीएफआरडीए (PFRDA) के अनुसार, NPS के नए नियमों के तहत अब कोई भी एनपीएस खाते से 25 फीसदी से ज्‍यादा का अमाउंट नहीं निकाल सकता है.
इस अमाउंट में नियोक्‍ता और कर्मचारी दोनों का पैसा होगा. 


NPS सब्‍सक्राइबर्स निवेश के दौरान केवल तीन बार आंशिक तौर पर निकासी कर सकते हैं. अगर आंशिक निकासी कर रहे हैं तो ग्राहकों को कम से कम तीन साल तक इसमें निवेशित होना चाहिए. इसका मतलब है कि 25 फीसदी का अमाउंट तीन साल के बाद कभी भी निकाला जा सकता है. यह अमाउंट बच्चों की शिक्षा खर्च, शादी, घर निर्माण, या चिकित्सा आपात स्थिति जैसे कामों के लिए निकाला जा सकता है. 


कब निकाला जा सकता है आंशिक तौर पर अमाउंट?

• अगर ग्राहक बच्चों के उच्च शिक्षा के लिए खर्च करना चाहता है तो अमाउंट निकाला जा सकता है. 

• बच्‍चों के विवाह के लिए भी यह अमाउंट निकाला जा सकता है. 

• घर खरीदने, होम लोन रिपेमेंट और अन्‍य के लिए भी अमाउंट निकाल सकते हैं.

• गंभीर बीमारी, इलाज और मेडिकल संबंधी अन्‍य खर्च के लिए भी यह अमाउंट निकाला जा सकता है.

• किसी इमरजेंसी पर भी 25 फीसदी तक का अमाउंट निकाला जा सकता है.

• किसी तरह का कारोबार शुरू करने या स्‍टार्टअप के लिए भी यह अमाउंट यूज किया जा सकता है. 


आंशिक निकासी को लेकर अन्‍य शर्ते 

• खाता खोलने से लेकर सब्‍सक्राइबर तीन साल तक इसमें सदस्‍य होना चाहिए 

• 25 फीसदी से ज्‍यादा इस खाते के तहत आंशिक तौर पर निकासी नहीं किया जा सकता है. 

• एनपीएस खाताधारकों को अधिकतम तीन बार ही अकाउंट से आंशिक निकासी की अनुमति दी जाती है.


कैसे कर सकते हैं पैसा विड्रॉल?
अगर एनपीएस के तहत 25 फीसदी या उससे कम का अमाउंट निकालना है तो सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसी (CRA) के प्रतिनिधि सरकारी नोडल अधिकारी के माध्‍यम से विड्रॉल रिक्‍वेस्‍ट कर सकते हैं. इसमें विड्रॉल का कारण और अन्‍य डिटेल की जानकारी देनी होगी. अगर सब्‍सक्राइबर बीमार है तो इसकी जगह पर परिवार का कोई मेंबर या नॉमिनी यह रिक्‍वेस्‍ट कर सकता है. 

गौरतलब है कि पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के मुताबिक 60 साल की उम्र (रिटायरमेंट) के बाद NPS से कुल मैच्योरिटी की 60 फीसदी रकम एकमुश्त निकालने की इजाजत है, जो टैक्स-फ्री होती है.बाकी 40 फीसदी मैच्योरिटी की रकम को एन्युटी प्लान में निवेश करना होता है, जिससे पेंशन मिलती है. एन्युटी में निवेश की रकम टैक्स-फ्री है, लेकिन एन्युटी के तहत रिटर्न के तौर पर मिलने वाली पेंशन की राशि पर टैक्स में कोई छूट नहीं है.

इसका मतलब ये है कि रिटर्न के तौर पर मिलने वाली पेंशन निवेशक की सालाना आमदनी में जुड़ जाती है और टैक्सपेयर को टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ता है. वहीं अगर रिटायरमेंट के बाद टोटल कॉर्पस 5 लाख रुपये के बराबर या इससे कम है तो NPS सब्सक्राइबर्स पूरी रकम निकाल सकते हैं.



PFRDA ने एनपीएस के तहत पेंशन निकासी के नियमों में बदलाव, NPS पेंशन खाते से 25 फीसदी से अधिक राशि निकालने की अनुमति नहीं



नई दिल्ली । पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण ने एनपीएस के तहत पेंशन निकासी के नियमों में बदलाव किए हैं। इसके अनुसार, एनपीएस सदस्यों को पेंशन खाते से 25 फीसदी से अधिक राशि निकालने की अनुमति नहीं होगी। नए प्रावधान एक फरवरी से लागू होंगे।


अधिसूचना के अनुसार, कोई भी एनपीएस खाताधारक अपने व्यक्तिगत पेंशन खाते से ही राशि निकाल सकेगा। नियोक्ता के योगदान से निकासी की अनुमति नहीं होगी। इसके साथ ही खाते से अधिकतम तीन बार ही पैसा निकाला जा सकेगा।


पेंशन नियामक ने एनपीएस सदस्यों के लिए पेनी ड्रॉप सत्यापन सुविधा शुरू की है। इसके तहत सेंट्रल रिकॉर्ड एजेंसी किसी सदस्य के बैंक खाते की मौजूदा स्थिति की जांच करती हैं और खाते में नाम को परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर में नाम और जमा किए गए दस्तावेजों के साथ मिलान करती है। लाभार्थी के बैंक खाते में एक रुपये भेजकर उसे सत्यापित किया जाता है


ऐसे निकाल सकेंगे राशि
खाताधारक को सबसे पहले अनुरोध करना होगा। साथ ही पैसे निकालने का कारण बताया होगा। इसके बाद सेंट्रल रिकॉर्ड एजेंसी अनुरोध की जांच करेगी। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने होने के बाद राशि सदस्य के बैंक खाते में भेज दी जाएगी।


निजी क्षेत्र का बढ़ रहा रुझान
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली यानी एनपीएस की तरफ निजी क्षेत्र का रुझान बढ़ता दिख रहा है। चालू वित्तवर्ष में 13 जनवरी, 2024 तक इसमें प्रबंधन के तहत संपति 2.09 लाख करोड़ के पार पहुंच गई। साथ ही इसका कुल ग्राहक आधार बढ़कर 51.8 लाख हो गया है। इसमें कॉर्पोरेट ग्राहकों की संख्या पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 16 फीसदी की वृद्धि के साथ 18.94 लाख तक पहुंच गई है।


संपत्ति 11 लाख करोड़
इस योजना के तहत कुल प्रबंधन के तहत संपत्ति 11 लाख करोड़ रुपए हो गई है। निजी क्षेत्र का निवेश का आंकड़ा 1 लाख करोड़ रुपए का हो गया है। पीएफआरडीए के चेयरमैन दीपक मोहंती ने बताया कि योजना के तहत निवेशकों को म्युचुअल फंड चुनने के पर्याप्त विकल्प दिए गए हैं। साथ ही टियर 2 में भी 100 फीसदी निवेश का प्रभावी किया गया है।


आंशिक निकासी की शर्तें

■ कम से कम तीन साल तक एनपीएस का सदस्य जरूरी अधिकतम तीन बार निकासी

■ दूसरी और तीसरी बार निकासी राशि का निर्धारण पहले वाली राशि के आधार पर होगा

■ बच्चों की पढ़ाई या शादी के लिए, घर खरीदने के लिए, मेडिकल आपातकाल, विकलांगता या अक्षमता की स्थिति में


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