नई टैक्स प्रणाली में बढ़ सकती है 50 हजार की कर छूट, ज्यादा से ज्यादा लोगों को आयकर के दायरे में लाने के लिए अंतरिम बजट में हो सकती है घोषणा
पुरानी टैक्स ब्यवस्था के तहत पांच लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर नहीं है कोई कर
ज्यादा निवेश और होम लोन लेने वाले करदाताओं के लिए पुरानी व्यवस्था ही फायदेमंद
नई दिल्ली । वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आगामी एक फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट में सरकार मध्य वर्ग के लिए इनकम टैक्स में राहत की घोषणा कर सकती है। हालांकि यह राहत सिर्फ नई टैक्स व्यवस्था अपनाने वाले करदाताओं के लिए हो सकती है। इसकी मुख्य वजह है कि सरकार नई टैक्स व्यवस्था को प्रोत्साहित करना चाहती है। इसके तहत आयकर में और राहत देने पर अधिक से अधिक करदाता इस व्यवस्था को अपनाएंगे।
चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पिछले साल एक फरवरी को पेश बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स की नई व्यवस्था के तहत सालाना सात लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देने की घोषणा की थी। स्टैंडर्ड डिडक्शन (मानक कटौती) व अन्य छूट को मिलाकर यह सीमा 7.5 लाख रुपये तक की हो जाती है। यानी कि सालाना 7.5 लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में नई टैक्स व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स में 50,000 रुपये तक की और छूट मिलने की उम्मीद है। इस घोषणा के बाद यानी कि नए वित्त वर्ष से आठ लाख रुपये तक की आय इनकम टैक्स से मुक्त हो सकती है। अंतरिम बजट मैं स्टैंडर्ड डिडक्शन की घोषणा करने में सरकार को कोई दिक्कत नहीं आएगी। पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत पांच लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है। इस व्यवस्था के तहत टैक्सपेयर्स एचआरए, होम लोन, हेल्थ इंश्योरेंस जैसे विभिन्न मदों में निवेश से टैक्स में छूट भी ले सकते हैं। सरकार इस प्रकार की छूट देने के बहुत पक्ष में नहीं है। सरकार चाहती है कि इनकम टैक्स देने वालों की संख्या बढ़े।
नई व्यवस्था करदाताओं को नहीं आई पसंद
वर्ष 2020 के बजट में ही नई व्यवस्था की घोषणा की गई थी, लेकिन इसमें 80सी व होम लोन के मद में निवेश पर कोई छूट नहीं होने से करदाताओं ने इस नई व्यवस्था को अपनाने में रुचि नहीं दिखाई। पुरानी व्यवस्था के तहत 70 प्रकार के डिडक्शन का प्रविधान है। होम लोन व अन्य मद में जिनका निवेश अधिक है उन्हें अब भी इनकम टैक्स की पुरानी व्यवस्था में रहने में फायदा है।
NPS पर बजट में हो सकता है बड़ा एलान, नई टैक्स व्यवस्था रिजीम में भी मिल सकता NPS का फायदा
सूत्रों की मानें तो नई टैक्स व्यवस्था (नई टैक्स रिजीम) में भी NPS का फायदा मिल सकता है. नई टैक्स व्यवस्था में भी NPS में निवेश पर छूट मिले. सूत्रों के मुताबिक पेंशन फंड रेगुलेटर PFRDA ने बजट के लिए वित्त मंत्रालय से ये सिफारिश की है.
अब क्या होगा?
सूत्रों के मुताबिक न्यू टैक्स सिस्टम को आकर्षक बनाने करने लिए अंतरिम बजट में ऐसा हो सकता है.अभी पुरानी टैक्स व्यवस्था में NPS में निवेश पर टैक्स छूट मिलती है.
NPS में निवेश पर इनकम टैक्स की नई व्यवस्था में भी छूट मिल सकती है. इनकम टैक्स की नई व्यवस्था को आकर्षक बनाने के लिए बजट में ऐलान हो सकता है.
इनकम टैक्स की नई व्यवस्था को आकर्षक बनाने के लिए की सिफारिश की गई है.पेंशन फंड रेगुलेटर PFRDA ने वित्त मंत्रालय को अपनी सिफारिश भेजी है.PFRDA ने NPS और EPF में वेतन में कटौती की सीमा को भी रिव्यू करने की मांग की है.
अभी निजी क्षेत्र के कर्मचारी EPF में बेसिक वेतन का अधिकतम 12% जबकि NPS में 10% ही कंट्रीब्यूट कर सकते हैं.
80C के तहत 1.5 लाख और 80CCC(1B) के तहत अतिरिक्त 50 हजार पर छूट मिलती है. PFRDA ने NPS और EPF में वेतन में कटौती की सीमा को भी रिव्यू करने की मांग की है. अभी निजी क्षेत्र के कर्मचारी EPF में बेसिक वेतन का अधिकतम 12% जबकि NPS में 10% ही कंट्रीब्यूट कर सकते हैं.
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर दीपक मोहंती ने हाल में बताया था कि नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) ने साल में 24% से ज्यादा और स्कीम की शुरुआत के बाद 13.3% का रिटर्न दिया.
उनके मुताबिक एक्टिव सब्सक्राइबर्स में से करीब 90 लाख सरकारी क्षेत्र और 51 लाख से ज्यादा निजी क्षेत्र से आते हैं. हमारा मकसद इस हिस्से का और विस्तार करना है
उनका कहना था कि मौजूदा कॉर्पस करीब 11 लाख करोड़ रुपये का है. करीब 17% NPS सब्सक्राइबर्स इक्विटी स्कीम में हैं.
उन्होंने कहा कि क्योंकि बाजार का प्रदर्शन अच्छा है. 2023 में इक्विटी स्कीम में रिटर्न किसी भी मानक पर अच्छे थे. मोहंती के मुताबिक कंपोजिट फंड की शुरुआत से सालाना रिटर्न करीब 9.5% है.
ये अच्छे रिटर्न हैं, लेकिन चुनौतियां हैं और हमें इस स्कीम में जागरुकता बढ़ानी होगी. और अनौपचारिक सेक्टर्स को शामिल करने पर थोड़ा जोर देना होगा.