ड्यूटी के दौरान हादसे में हुई दिव्यांगता प्रोन्नति में बाधक नहीं, हाईकोर्ट ने सहानुभूति पूर्वक निर्णय लेने का दिया आदेश
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि ड्यूटी के दौरान दुर्घटना के शिकार कर्मचारी की शारीरिक विकलांगता उसकी प्रोन्नति में बाधक नहीं बन सकती। ऐसे मामले विभाग की आरक्षण नीति के तहत सहानुभूति पूर्वक विचारणीय है।
यह फैसला न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने ललितपुर निवासी पुलिस आरक्षी देवभान सिंह (वर्तमान में इलाहाबाद में तैनात) की ओर से दाखिल याचिका को स्वीकार करते हुए दिया। याची ने पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा उपनिरीक्षक के पद के लिए आयोजित विभागीय चयन प्रक्रिया से बाहर किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
याची के अधिवक्ता किशन गौतम ने बताया कि याची की प्रथम नियुक्ति वर्ष 1998 में हुई थी। याची 2011 में उपनिरीक्षक पद हेतु आयोजित विभागीय परीक्षा में शामिल हुआ था। लिखित परीक्षा देने के बाद इलाहाबाद में ड्यूटी के दौरान हुई दुर्घटना ने वह 40 प्रतिशत दिव्यांग हो गया है।