बैंक क्लर्कों के पदनाम बदलने की तैयारी, जिम्मेदारी भी बढ़ेगी
आईबीए और और वर्कमैन वर्कमैन यूनियन यूनियन के के बीच वार्ता के बाद रुपरेखा तैयार
क्लर्क को कस्टमर सर्विस एसोसिएट तो चपरासी को कहा जाएगा ऑफिस असिस्टेंट
लखनऊ। बैंक क्लर्क के पद कस्टमर सर्विस एसोसिएट करने की तैयारी है। जनवरी में भारतीय बैंक संघ (आईबीए) और बैंकिंग संगठनों के बीच वेतन वृद्धि से जुड़े समझौते के बाद क्लर्क की जिम्मेदारी में बढ़ोतरी प्रस्तावित है। 17 फीसदी वेतन वृद्धि के समझौते के तहत बैंक स्टाफ को बीमा, म्यूचुअल फंड, स्टाक समेत कई जिम्मेदारी आधिकारिक रूप से दी जा सकती हैं। इसके अतिरिक्त क्लर्क के दैनिक कामकाज में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी है। आईबीए और वर्कमैन यूनियन के बीच वार्ता के बाद स्टाफ के पदनाम में बदलाव की रूपरेखा तैयार की गई है।
क्लर्क को कस्टमर सर्विस एसोसिएट, हेड कैशियर को सीनियर कस्टमर सर्विस एसोसिएट, स्पेशल असिस्टेंट को स्पेशल कस्टमर सर्विस एसोसिएट और सब स्टाफ, चपरासी व बिल कलेक्टर आदि को ऑफिस असिस्टेंट कहा जाएगा। इलेक्ट्रिशियन और एसी हेल्पर को टेक्निकल ऑफिस असिस्टेंट और सफाई कर्मचारी को हाउस कीपर संबोधित किया जाएगा। क्लर्कों के पदनाम के साथ उनका दायित्व भी बढ़ाने का प्रस्ताव है।
बैंकिंग के अतिरिक्त स्टाक, फंड, बीमा आदि की जिम्मेदारी दी जा चुकी है। क्लकों के मुख्य काम निकासी व जमा से जुड़ा काम बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। अभी एक क्लर्क की जिम्मेदारी एक दिन में 10 हजार रुपये के पासिंग कैश चेक की है। इसे बढ़ाकर 50 हजार रुपये किया जा सकता है। क्लीयरिंग व फंड ट्रांसफर की मौजूदा सीमा 15 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का प्रस्ताव है। डिमांड ड्राफ्ट की कैश रसीद का जिम्मा 15 हजार रुपये का है। इसे 50 हजार रुपये किया जा सकता है। इसी तरह कैश रसीद व अधिकृत पास क्षमता 50 हजार हो सकती है। कैश जमा करने की सीमा तय नहीं की गई है।