निकाय अध्यक्षों की शिकायतों पर भी अफसरों-कर्मियों के खिलाफ होगी जांच, आम शिकायकर्ताओं से अनिवार्य रूप से लिया जाएगा साक्ष्य, शासनादेश जारी
लखनऊ । निकाय अध्यक्षों द्वारा सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच कराई जाएगी। विशिष्ट व्यक्तियों की श्रेणी में सांसदों व विधायकों के साथ इन्हें भी शामिल किया गया है। इसके साथ ही आम लोगों की शिकायतों को अगर विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा भेजा जाता है तो संबंधित व्यक्ति से साक्ष्य मांगा जाएगा।
अपर मुख्य सचिव नियुक्ति डा. देवेश चतुर्वेदी ने सोमवार को इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ प्राप्त शिकायती पत्रों के निस्तारण के संबंध में मई 1997 में शासनादेश जारी किया गया था। इसमें विशिष्ट व्यक्तियों में केवल सांसदों व विधायकों का ही उल्लेख किया गया था।
इसमें अब संवैधानिक निकायों के वर्तमान अध्यक्षों को भी शामिल कर लिया गया है। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि विशिष्ट व्यक्तियों द्वारा अपने पत्र के माध्यम से कोई शिकायती पत्र भेजा जाता है तो संबंधित शिकायतकर्ता से साक्ष्य मांगा जाएगा।