दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी को दें पुरानी पेंशन का लाभ, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया आदेश
प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गवर्नमेंट प्रेस प्रयागराज में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी रहे कर्मी को उसकी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में की गई सेवा को जोड़कर पुरानी पेंशन व अन्य सेवानिवृत्ति परिलाभ देने का निर्देश दिया है । शंभू लाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने आदेश दिया है।
मामले के अनुसार शंभू लाल वर्ष 1987 में गवर्नमेंट प्रेस इलाहाबाद में चतुर्थ श्रेणी पद पर दैनिक वेतन भोगी कर्मी के रूप में नियुक्त हुआ। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर वर्ष 2015 में उसे सेवा में नियमित किया गया। याची वर्ष 2022 में सेवानिवृत हो गया।
इसके बाद उसने अपनी दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के रूप में की गई सेवा को जोड़कर सेवानिवृत्ति परिलाभ व पुरानी पेंशन का लाभ देने की मांग की। निदेशक गवर्नमेंट प्रेस प्रयागराज ने 27 जनवरी 2023 को इसका प्रत्यावेदन यह कहते हुए खारिज कर दिया कि याची 2015 में नियमित हुआ है। जबकि पुरानी पेंशन इससे पूर्व ही समाप्त हो चुकी थी। 2005 से नई पेंशन योजना लागू है। इसलिए उसे पुरानी पेंशन का लाभ नहीं दिया जा सकता है।
कई न्यायिक निर्णय का हवाला देते हुए कहा गया कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी द्वारा दी गई सेवा पेंशन लाभ के लिए जोड़ी जानी चाहिए। यह विवाद हाई कोर्ट द्वारा अवधेश कुमार श्रीवास्तव बनाम उत्तर प्रदेश राज्य में निर्णीत किया जा चुका है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद निर्देशक गवर्नमेंट प्रेस का 27 जनवरी 2023 का आदेश रद्द कर दिया। साथ ही उसके सेवानिवृत्ति परिलाभों की गणना करने का निर्देश दिया है।