तलाक नहीं तो कर्मचारी की पहली पत्नी को ही है पेंशन का अधिकार : हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाया अहम फैसला
पत्नी की तरह साथ रहने वाली की याचिका खारिज
प्रयागराज। हाईकोर्ट ने कहा कि गुजारा भत्ते पर समझौता होने से यह नहीं कह सकते कि पत्नी ने पति की मौत के बाद सेवानिवृत्ति परिलाभों का दावा छोड़ दिया है। कोर्ट ने कहा पति से अलग रहने के बावजूद सेवा पंजिका में वह नामित है और दोनों के बीच तलाक न होने के कारण वह पली है। कानूनन मृतक कर्मचारी के सेवा परिलाभ वारिस को पाने का हक है।
कोर्ट आर्डर 👇
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने रजनी रानी की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि पत्नी ही पति की मौत के बाद पारिवारिक पेंशन आदि पाने की हकदार है। कोर्ट ने पत्नी की तरह साथ रहने वाली याची को राहत देने से इन्कार करते हुए याचिका खारिज कर दी।
याची का कहना था कि उसके पति भोजराज 30 जून 21 को सेवानिवृत्त हुए और दो अक्तूबर को मौत हो गई। वह महाराजा तेज सिंह जूनियर हाईस्कूल औरंध, सुल्तानगंज, मैनपुरी में सहायक अध्यापक थे। याची के मुताबिक लंबे समय से वह पत्नी के रूप में साथ रहती थी। पहली पत्नी बहुत पहले ही घर छोड़ कर चली गई थी। उसने गुजारे भत्ते का दावा किया और समझौता भी हो गया। इसके बाद पहली पत्नी ने गुजारे का कोई दावा नहीं किया। इस प्रकार उन्होंने पति के सेवानिवृति परिलाभों पर अपना दावा छोड़ दिया था। कोर्ट ने इस तर्क को सही नहीं माना और कहा कि पत्नी को पति के सेवानिवृति परिलाभ पाने का अधिकार है। साथ ही कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि गुजारा भत्ते पर समझौता होने से यह नहीं कहा जा सकता कि पत्नी ने पति की मृत्यु के बाद सेवानिवृत्ति परिलाभ का दावा छोड़ दिया है। कोर्ट ने कहा कि पति से अलग रहने के बावजूद सेवापंजिका में वह नामित है और दोनों के बीच तलाक न होने के कारण वह पत्नी है।
कानूनन मृतक कर्मचारी के सेवा परिलाभ उसके वारिस को पाने का हक है। इसलिए पत्नी ही पति की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन आदि की हकदार है। कोर्ट ने स्वयं को पत्नी की तरह साथ रहने वाली महिला को राहत देने से इनकार करते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने रजनीरानी की याचिका पर दिया है। याची का कहना था कि उसके पति भोजराज 30 जून 2021 को सेवानिवृत्त हुए और उसी वर्ष दो अक्टूबर को मृत्यु हो गई। वह महाराजा तेज सिंह जूनियर हाईस्कूल औरंध सुल्तानगंज मैनपुरी में सहायक अध्यापक थे। याची का कहना था कि भोजराज की पहली पत्नी बहुत पहले घर छोड़कर चली गई थी।