पारिवारिक पेंशन में बेटे और बेटी को नॉमिनी बना सकेंगी महिला कर्मचारी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने महिला कर्मचारियों को पारिवारिक पेंशन में पति के स्थान पर बेटे या बेटी को नॉमिनी बनाने की मंजूरी दे दी है। पहले, पारिवारिक पेंशन मृत कर्मचारी या पेंशनभोगी के पति या पत्नी को दी जाती थी, जबकि परिवार के अन्य सदस्य पति या पत्नी की अपात्रता या मृत्यु पर ही पात्र बनते थे।
दूरगामी सामाजिक-आर्थिक प्रभाव वाले इस निर्णय के बारे में केंद्रीय कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि पेंशन व पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 में बदलाव किया है, जिसमें महिला कर्मचारियों या पेंशनभोगियों को पति की जगह पात्र बच्चे/बच्चों को पारिवारिक पेंशन देने की अनुमति मिलती है।
यह संशोधन उन हालात में मददगार होगा, जहां वैवाहिक कलह में तलाक होता है या घरेलू हिंसा, दहेज निषेध या भारतीय दंड संहिता जैसे कानूनों में मामले दायर होते हैं।
केंद्र सरकार ने वैवाहिक विवाद को ध्यान में रख नियमों में किया संशोधन
पेंशन विभाग ने नियमों में बदलाव किया पति से अलगाव जैसे मामलों में लागू होगा
नई दिल्ली। महिला कर्मचारी वैवाहिक विवाद के मामले में पति के बजाय अपने बच्चे या बच्चों को पारिवारिक पेंशन के लिए नामित कर सकेंगी। केंद्र सरकार के पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने संशोधित नियम में यह प्रावधान किया है।
केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 का नियम-50 सरकारी या सेवानिवृत्त कर्मचारी की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन की अनुमति देता है। यदि मृत सरकारी कर्मचारी व पेंशनभोगी का पति या पत्नी जीवित है, तो पेंशन सबसे पहले उसे ही दी जाती है।
अब तक के नियमों के अनुसार, मृत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी के जीवनसाथी के पारिवारिक पेंशन के लिए अयोग्य हो जाने या उसकी मृत्यु हो जाने पर ही परिवार के अन्य सदस्य अपनी बारी पर पेंशन के लिए पात्र होते हैं।
विभागीय सचिव वी श्रीनिवास ने बताया कि तलाक, घरेलू हिंसा के तहत दर्ज मामलों में नया नियम महिला सरकारी कर्मचारी को पारिवारिक पेंशन पति के बजाय उसके पात्र बच्चे को देने की अनुमति देता है। उन्होंने कहा, यह संशोधित नियम महिला कर्मियों को सशक्त बनाएगा।
मां पेंशन के लिए बच्चे को भी नॉमिनी बना पाएगी
नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि महिला कर्मचारी वैवाहिक विवाद के मामले में पति के बजाय अपने बच्चे या बच्चों को पारिवारिक पेंशन के लिए नामांकित कर सकेंगी।
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने नियमों में संशोधन किया है और एक महिला कर्मचारी को पारिवारिक पेंशन के लिए अपने पति के बजाय अपने बच्चे/बच्चों को नामांकित करने की अनुमति दी है।
विभाग के सचिव वी श्रीनिवास ने कहा कि उन सभी मामलों में जिनमें तलाक की याचिका दायर की गई है या घरेलू हिंसा से महिलाओं की सुरक्षा अधिनियम के तहत याचिका दायर की गई है या भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज मामले शामिल हैं। उन्होंने कहा कि नया नियम महिलाओं को सशक्त बनाएगा। पुराने नियमों के तहत, पेंशन पर पहला हक पेंशनभोगी के जीवित पति या पत्नी का होता था।