केंद्र सरकार में 'पुरानी पेंशन' बहाली और आठवें वेतन के गठन को लेकर रार मची है। एक तरफ कर्मचारी संगठन हैं, तो दूसरी ओर सरकार है। न तो सरकार ने ही कर्मियों को यह भरोसा दिया है कि उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार होगा।
उधर, कर्मचारी संगठन भी अपनी मांगों को लेकर टस से मस होने को तैयार नहीं हैं। केंद्रीय कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल की चेतावनी दे डाली है। नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) के संयोजक शिवगोपाल मिश्रा कह चुके हैं कि अब सरकार से कोई बात नहीं होगी, केवल हड़ताल की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा एक फरवरी को लोकसभा में पेश किए जाने वाले अंतरिम बजट में कर्मियों की दोनों मांगों को सेकर कोई घोषणा हो सकती है।
सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन पर क्या कहा
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने एनपीएस में सुधार के लिए एक कमेटी गठित की है। ऐसी संभावना है कि आगामी सप्ताह में यह कमेटी अपनी रिपोर्ट दे सकती है। हालांकि इस रिपोर्ट में पुरानी पेंशन बहाली जैसा कुछ नहीं देखने को मिलेगा, केवल एनपीएस में सुधार की बात शामिल रहेगी। कई दफा केंद्र सरकार द्वारा खुद ही इस बात की पुष्टि की गई है कि पुरानी पेंशन बहाली, सरकार के एजेंडे में नहीं है। सरकार, इस पर विचार नहीं कर रही है।
दूसरी तरफ, सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को लेकर कह दिया कि इस पर विचार नहीं हो रहा। वित्त सचिव टीवी सोमनाथन कह चुके हैं कि '8वें वेतन आयोग के गठन पर कोई चर्चा नहीं हो रही है'। सोमनाथन ने कहा, हमने सभी संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श पूरा कर लिया है। रिपोर्ट जल्द सौंपी जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार, एनपीएस में कई तरह के बदलाव कर उसे आकर्षक बना सकती है। नई पेंशन व्यवस्था में कर्मचारियों को उनके अंतिम आहरित वेतन का 40 से 45 फीसदी हिस्सा, बतौर पेंशन दे सकती है। एनपीएस के इस बदलाव में ओपीएस के तहत मिलने वाले दूसरों फायदों पर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है।
गारंटीकृत 'पुरानी पेंशन' बहाली ही चाहिए
शिवगोपाल मिश्रा का कहना है, केंद्र सरकार से कई बार आग्रह किया गया है कि ओपीएस लागू किया जाए। अगर सरकार की मंशा, एनपीएस में सुधार की है, तो उसे कर्मचारी स्वीकार नहीं करेंगे। सरकारी कर्मियों को बिना गारंटी वाली 'एनपीएस' योजना को खत्म करने और परिभाषित एवं गारंटी वाली 'पुरानी पेंशन योजना' की बहाली से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। पुरानी पेंशन को लेकर, रामलीला मैदान में सरकारी कर्मियों की कई रैलियां हो चुकी हैं। इनमें केंद्र और राज्यों के लाखों सरकारी कर्मियों ने हिस्सा लिया था।
इतना कुछ होने पर भी केंद्र सरकार ने कर्मियों की इस मांग की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। देश में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर सरकारी कर्मियों का धैर्य अब जवाब देता जा रहा है। केंद्र सरकार को चेताने के लिए कर्मियों ने आठ जनवरी से 11 जनवरी तक 'रिले हंगर स्ट्राइक' की है। सभी कर्मचारी संगठनों की जल्द ही बैठक बुलाई जाएगी। उसमें अनिश्चितकालीन हड़ताल की तिथि तय होगी। हड़ताल की स्थिति में ट्रेनों व बसों का संचालन बंद हो जाएगा। केंद्र एवं राज्य सरकारों के दफ्तरों में कलम नहीं चलेगी।