सुकन्या समृद्धि योजना में ब्याज दर बढ़ी, अन्य सभी छोटी योजनाओं के लिए दरें पहले की तरह बनी रहेंगी
नई दिल्ली । सरकार ने चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही (जनवरी- मार्च) के लिए सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर 0.20 प्रतिशत और तीन साल की सावधि जमा योजना पर ब्याज दर 0.10 प्रतिशत बढ़ा दीं। अन्य सभी छोटी योजनाओं के लिए दरें पहले की तरह बनी रहेंगी।
वित मंत्रालय की ओर से जारी परिपत्र के अनुसार, सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जमा पर ब्याज दर मौजूदा आठ प्रतिशत से बढ़ाकर 8.2% कर दी गई। तीन साल की सावधि जमा पर दर मौजूदा सात प्रतिशत से बढ़कर 7.1% कर दी गई है। हालांकि, पीपीएफका पर ब्याज दर 7.1 प्रतिशत और बचत जमा पर ब्याज दर 4% पर यथावत रखी गई हैं। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में दरें समान थीं। किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7.5 प्रतिशत है। इसकी पूर्ण अविध 115 माह है। राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) पर ब्याज दर एक जनवरी से 31 मार्च 2024 के लिए 7.7 प्रतिशत पर यथावत रही। मासिक आय योजना के लिए ब्याज दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। निवेशको के लिए यह 7.4 प्रतिशत होगी।
सरकार हर तिमाही में मुख्य रूप से डाकघरों द्वारा संचालित छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर अधिसूचित करती है। रिजर्व बैंक ने मई, 2022 से नीतिगत दर 2.5 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दी थी, जिससे बैंकों को भी जमा पर ब्याज दरें बढ़ानी पड़ी थीं। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल फरवरी से मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की लगातार पांच बैठकों में नीति दर पर यथास्थिति बना रखी है।
सुकन्या समृद्धि योजना के ब्याज में बढ़ोतरी, नए वर्ष की पहली तिमाही के लिए लघु बचत व्याज दरें घोषित, ज्यादातर में नहीं हुआ कोई बदलाव
दूसरी बार सुकन्या समृद्धि योजना के ब्याज में बढ़ोतरी
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने 2023-24 की चौथी तिमाही जनवरी से मार्च तक के लिए छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों की समीक्षा कर उनकी घोषणा कर दी है. छोटी बचत योजनाओं में केवल सुकन्या समृद्धि योजना के ब्याज दरों में ही बदलाव किया गया है. बेटियों के लिए खासतौर से चलाई जा रही मोदी सरकार की इस स्कीम के ब्याज दर को 8 फीसदी से बढ़ाकर 8.2 फीसदी कर दिया गया है. इससे पहले भी मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सुकन्या समृद्धि योजना के ब्याज दरों को 7.6 फीसदी से बढ़ाकर 8 फीसदी कर दिया गया था. यानि मौजूदा वित्त वर्ष में इस योजना के लिए सरकार 0.6 फीसदी ब्याज दरें बढ़ा चुकी है.
इन स्कीमों के ब्याज दरों में बदलाव नहीं
वित्त मंत्रालय के सर्कुलर के मुताबिक सेविंग डिपॉजिट पर 1 जनवरी 2024 से लेकर 31 मार्च 2024 तक 4 फीसदी ब्याज मिलेगा. 1 साल की अवधि वाले डिपॉजिट पर 6.9 फीसदी, 2 साल के टाइम डिपॉजिट पर 7 फीसदी, 5 साल के डिपॉजिट पर 7.5 फीसदी ब्याज मिलेगा. 5 साल के रेकरिंग डिपॉजिट पर 6.7 फीसदी ब्याज को बरकरार रखा गया है.
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर 7.7 फीसदी ब्याज दर को बरकरार रखा गया है. किसान विकास पत्र में निवेश करने वालों के 7.5 फीसदी ब्याज मिलेगा और ये 115 महीने में मैच्योर करेगा. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम 8.2 फीसदी ब्याज इस तिमाही में मिलेगा. पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम अकाउंट स्कीम में निवेश पर 7.4 फीसदी ब्याज मिलेगा.
बड़ा सवाल : क्या छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर में होगी बढ़ोत्तरी? PPF में पिछले चार साल से बदलाव नहीं
सरकार जल्द ही छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में बढ़ोतरी को लेकर फैसला ले सकती है। इस संबंध में वित्त मंत्रालय वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही (जनवरी से मार्च) के लिए ब्याज दरों की समीक्षा करेगा। बढ़ी हुई दरें एक जनवरी 2024 से प्रभावी होंगी।
सरकार हर तीन माह में छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा करती है। पिछली बार 30 सितंबर को केवल दो योजनाओं पर ही ब्याज दरें बढ़ाई गई थीं। केवल पांच साल की आवर्ती जमा योजना की ब्याज दर को 6.5 से बढ़ाकर 6.7 फीसदी किया गया था।
वर्तमान में सरकार डाकघर बचत, पीपीएफ, सुकन्या, वरिष्ठ नागरिक, राष्ट्रीय बचन पत्र समेत कुल 12 तरह की छोटी बचत योजनाएं चला रही है। पिछली बार 10 बचत योजनाओं की ब्याज दरों को स्थिर रखा था।
वित्त मंत्रालय करता है फैसला
वित्त मंत्रालय हर तिमाही के लिए इनकी दरों का ऐलान करता है। मासिक आय योजना और वरिष्ठ नागरिक जमा योजना के जरिये नियमित कमाई का एक जरिया उपलब्ध कराना है।
पीपीएफ में पिछले चार साल से बदलाव नहीं
देश में एक अप्रैल 2020 से पहले पीपीएफ की ब्याज दर 7.9 फीसदी थी। कोरोना काल में सरकार ने अप्रैल-सितंबर 2020 तिमाही में कई बचत योजनाओं की ब्याज दरों में संशोधन करके उन्हें घटा दिया था। तब से पीपीएफ की ब्याज दर 7.1 फीसदी पर बनी हुई है। इस बीच ब्याज दरों में कई संशोधन हुए लेकिन पीपीएफ में कोई बदलाव नहीं हुआ। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार सरकार लगभग चार साल बाद पीपीएफ की ब्याज दर में बढ़ोतरी कर सकती है।
टैक्स के बाद रिटर्न ज्यादा होने की दलील
अधिकारियों के अनुसार, पीपीएफ ब्याज दर में ज्यादा बढ़ोतरी न होने का प्रमुख कारण यह है कि इस योजना में टैक्स के बाद रिटर्न अधिक है। उच्चतम कर दायरे के मामले में यह लगभग 10.32 फीसदी तक पहुंच जाता है। इसे देखते हुए ब्याज दर में बदलाव नहीं किया जाता है।