नई दिल्ली : राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के निवेशकों को अब अधिक मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा। इसको लेकर पेंशन नियामक ने सर्कुलर जारी किया है। इसके अनुसार, अब निवेशक अलग-अलग परिसंपत्ति वर्ग के लिए तीन कोष निधि प्रबंधक चुन सकेंगे।
इस निवेश के तहत एनपीएस ग्राहक अलग-अलग परिसंपत्ति वर्ग में निवेश कर सकते हैं। इनमें इक्विटी, सरकारी बांड, कॉरपोरेट बांड और वैकल्पिक परिसंपत्ति वर्ग शामिल हैं। गौरतलब है कि पहले एनपीएस ग्राहकों के पास पेंशन कोष फंड मैनेजर चुनने की सुविधा नहीं थी। जब ग्राहक एक पेंशन कोष निधि प्रबंधक चुनता था तो जो पैसे एनपीएस के अलग-अलग संपत्ति वर्ग में डाले गए थे, वो उसी प्रबंधक द्वारा प्रबंधित किया जाता था।
नया एनपीएस नियम आपके रिटर्न को कैसे प्रभावित कर सकता है
फायदा कैसे होगा?
आपने किसी पेंशन फंड को कोष निधि प्रबंधक चुना है और आप इक्विटी और बांड में निवेश करते हैं तो यही दोनों कोष निधि का प्रबंधन कर रहा होगा। अब आप इक्विटी के लिए अलग और बांड के लिए अलग-अलग प्रबंधक चुन सकेंगे।
इन शर्तों का पालन करना होगा
1. इस सुविधा के लिए ग्राहकों को परिसंपत्ति आवंटन के लिए सक्रिय पसंद का विकल्प चुनना होगा।
2. इसका लाभ वैकल्पिक परिसंपत्ति वर्ग में नहीं सिर्फ इक्विटी, सरकारी सिक्योरिटी और कॉर्पोरेट बांड की परिसंपति में मिलेगा।
3. इसका लाभ सभी नागरिक वर्ग (टियर-एक), एनपीएस कॉर्पोरेट मॉडल (टियर-एक) और टियर-तीन (सभी ग्राहक) की श्रेणी में ही मिलेगा। सरकार कर्मचारी के पास टियर-2 खात होने पर फायदा मिलेगा।
4. योजना में जो नए निवेशक आएंगे, वो पंजीकरण के तीन महीने बाद ही कोष निधि प्रबंधक चुन सकेंगे।