जीवन बीमा पॉलिसी बंद करने पर नहीं होगा नुकसान, मिलेगी अधिक सरेंडर वैल्यू Higher surrender value, lower charges for life insurance
जीवन बीमा कराने वाले ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर है। ग्राहकों को समय से पहले बीमा पॉलिसी बंद (सरेंडर) करने पर पहले के मुकाबले अब ज्यादा राशि मिल सकती है। इसको लेकर बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने नए नियमों का एक प्रस्ताव तैयार किया है। हालांकि इरडा का यह प्रस्ताव लागू होने से कंपनियों के मार्जिन पर उल्टा असर पड़ने की संभावना है।
इरडा द्वारा पॉलिसीधारक के हित में जारी नए नियमों के प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर पॉलिसी की शुरुआत में ही पॉलिसीधारक प्लान को सरेंडर यानी बंद करना चाहता है तो बीमा कंपनियों को भुगतान की जाने वाली राशि में काफी वृद्धि करनी होगी। ऐसे में कंपनी के पास कम बिक्री या कम मुनाफा जैसे दो विकल्प होंगे। बिक्री चुनने पर बीमाकर्ता को कमीशन में कटौती करके उच्च भुगतान का प्रावधान करना होगा।
इरडा का यह प्रस्ताव लागू होने से देश की सभी जीवन बीमा कंपनियों के मुनाफे के मार्जिन पर काफी उल्टा असर पड़ने की संभावना है। वजह यह है कि अभी इस बारे में कोई स्पष्ट नियम नहीं है और ग्राहकों को कंपनियों की मर्जी पर निर्भर करना होता है। कमीशन बनाए रखने या ज्यादा भुगतान करने से कंपनियों को मुनाफे में कमी का सामना करना पड़ सकता है।
फिलहाल, इरडा ने उदाहरण देते हुए संकेत जरूर दिया है कि सरेंडर वैल्यू को दूसरे साल में मौजूद स्तर से करीब 1.8 गुना और 5 सालों में 0.8 गुना ज्यादा बढ़ाना होगा। बता दें कि समय से पहले पॉलिसी बंद करने पर चार्ज लगता है, जिससे पॉलिसीधारक को नुकसान का सामना भी करना पड़ता है।
क्या होती है सरेंडर वैल्यू
जब धारक पालिसी को मेच्योर होने से पहले बंद करता है, तब बीमा कंपनी पालिसी धारक को सरेंडर वैल्यू चुकाती है। सरेंडर वैल्यू के तौर पर लगभग प्रीमियम राशि पॉलिसीधारक को वापस देती है। सरेंडर वैल्यू के लिए पॉलिसीधारक को कम से कम तीन साल तक प्रीमियम देना होता है, यानी कि सरेंडर वैल्यू आपको तभी मिलेगी, जब आपने तीन साल तक लगातार प्रीमियम भरा हो।