प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो जजों की स्पेशल अपील बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से दाखिल विशेष अपील पर एकल जज द्वारा पारित उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके द्वारा सिंचाई विभाग (जल संसाधन) से रिटायर कर्मचारी को उसकी दैनिक वेतन तथा वर्कचार्ज सेवाओं को जोड़कर पुरानी पेंशन देने का निर्देश दिया गया था।
यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र एवं जस्टिस एसएचए रिजवी की खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार के सचिव सिंचाई (जल संसाधन) विभाग की तरफ से दाखिल विशेष अपील पर पारित किया है।
प्रदेश सरकार की विशेष अपील पर अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल एवं अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रामानंद पांडेय ने पक्ष रखा। कोर्ट ने अपील पर याची से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है तथा सरकार की अपील को एडमिट कर लिया है।
याची अवधेश कुमार श्रीवास्तव की नियुक्ति एक मई 1979 से जुलाई 1997 तक डेली वेजर के रूप में सिंचाई विभाग में हुई थी। बाद में याची ने वर्कचार्ज कर्मचारी के रूप में काम किया। 29 सितंबर 2011 को याची की सेवा विनियमित की गई तथा याची 30 जून 2022 को रिटायर हो गया।
विभाग ने 2011 से 2022 तक की सेवा को जोड़ते हुए नई पेंशन स्कीम के तहत याची को लाभ देने का निर्णय लिया था तथा उसकी पिछली सेवाओं को जोड़ते हुए पुरानी पेंशन का लाभ देने से मना कर दिया था। अधिशासी अभियंता मिर्जापुर के 31 मई 2022 के इस आदेश को चुनौती दी गई थी। जिसे एकल जज ने गलत मानते हुए रद्द कर दिया था तथा याची को पुरानी पेंशन स्कीम में शामिल करते हुए लाभ देने का निर्देश दिया था।
पुरानी पेंशन देने के फैसले पर रोक
■ राज्य सरकार की विशेष अपील विचारार्थ स्वीकार
■ विशेष अपील में एकल पीठ के आदेश को चुनौती
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट के दो जजों की विशेष अपीलीय खंडपीठ ने एकल पीठ के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें सिंचाई विभाग (जल संसाधन) से रिटायर कर्मचारी को उसकी दैनिक वेतन एवं वर्कचार्ज सेवाओं को जोड़कर पुरानी पेंशन देने का निर्देश दिया गया था। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद दैनिक वेतनभोगी या वर्कचार्ज के रूप में काम करके बाद में नियमित हुए कर्मचारियों को उसके नियमितीकरण से पूर्व की सेवाएं नहीं जोड़े जाने का रास्ता साफ हो गया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र एवं न्यायमूर्ति एसएचए रिजवी की खंडपीठ ने राज्य सरकार के सचिव सिंचाई (जल संसाधन) विभाग की विशेष अपील पर अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल एवं अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रामानंद पांडेय को सुनकर दिया है। एकल पीठ ने ऐसे ही कर्मचारी के पक्ष में आदेश किया था कि उसके दैनिक वेतन व वर्कचार्ज के कार्य को भी जोड़कर उसे पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए। विशेष अपील में एकल पीठ के तीन जुलाई 2023 के आदेश को चुनौती दी गई थी।
एकल पीठ ने सिंचाई विभाग (जल संसाधन) मिर्जापुर से रिटायर कर्मचारी अवधेश कुमार श्रीवास्तव की याचिका पर आदेश दिया था कि याची की दैनिक वेतन एवं 1997 से 2011 तक वर्कचार्ज सेवाओं को जोड़कर पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए। एकल पीठ ने यूपी रिटायरमेंट बेनिफिट रूल्स 1961 के नियम दो को असंवैधानिक बताते हुए कहा था कि वर्कचार्ज के रूप में दी गई सेवाओं को न जोड़ने का कोई युक्तियुक्त औचित्य प्रतीत नहीं होता।