प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि अपराध से बरी होने के आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण अर्जी विचाराधीन होने के आधार पर ग्रेच्युटी या पेंशन निर्धारण नहीं रोका जा सकता। कोर्ट ने नियमानुसार ब्याज सहित पूरी ग्रेच्युटी राशि तत्काल अवमुक्त करने एवं पेंशन तय कर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि ऐसा करने में विफलता की दशा में पुलिस अधीक्षक मैनपुरी 14 दिसंबर को उपस्थित हों। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने कमाल अहमद खान की याचिका पर दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता बीएन सिंह राठौर ने बहस की। कहा कि भविष्य निधि व अवकाश नकदीकरण का भुगतान किया गया है, किंतु ग्रेच्युटी राशि का भुगतान रोक लिया गया है और पेंशन निर्धारित नहीं की गई है। केवल अंतरिम पेंशन दी जा रही है। फाइनल रिपोर्ट कोर्ट ने निरस्त कर दी थी और कंप्लेंट केस दर्ज किया। दो अगस्त 2023 को याची को बरी कर दिया गया। इस आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण अर्जी लंबित है। इस कारण ग्रेच्युटी नहीं रोकी जा सकती। याची पेंशन पाने का हकदार है।