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Monday, November 6, 2023

रक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला, सेना में अब नहीं होगा मैटरनिटी लीव, चाइल्ड केयर और गोद लेने की छुट्टी को लेकर भेदभाव, सबके लिए बराबर की छुट्टी

फैसला : महिला सैनिक, अग्निवीर को अधिकारियों के बराबर छुट्टियां


नई दिल्ली : सशस्त्रत्त् बलों में महिला सैनिकों, नाविकों और वायु सैनिकों को मातृत्व, बाल देखभाल और बच्चा गोद लेने के अवकाश उनके समकक्ष अधिकारियों के समान मिलेंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अवकाश के नियमों के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।


नियम जारी होने के साथ ही सेना में कार्यरत सभी महिलाओं को इस तरह की छुट्टियां दी जाएंगी। छुट्टी के नियम सब पर समान रूप से लागू होंगे चाहे वह अधिकारी हों या सामान्य रैंक की कर्मी। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि यह निर्णय सशस्त्रत्त् बलों में सभी महिलाओं की समावेशी भागीदारी के रक्षामंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है। छुट्टी के नियमों के विस्तार से सशस्त्रत्त् बलों से संबंधित महिला-विशिष्ट पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों से निपटने में आसानी होगी। महिलाओं की कार्य स्थितियों में सुधार करेगा साथ ही उन्हें पेशेवर और पारिवारिक जीवन को बेहतर तरीके से संतुलित करने में मदद करेगा। सियाचिन से लेकर युद्धपोतों पर तैनात होने और आसमान पर हावी होने तक, भारतीय महिलाएं सशस्त्रत्त् बलों में लगभग हर क्षेत्र में बाधाओं को तोड़ रही हैं।


पहले क्या था नियम

अधिकारियों ने बताया कि इस समय महिला अधिकारियों को हर बच्चे के लिए 180 दिन का मातृत्व अवकाश मिलता है। यह नियम अधिकतम दो बच्चों पर लागू होता है। उन्होंने बताया कि महिला अधिकारियों को संपूर्ण सेवा कार्यकाल में 360 दिन का शिशु देखभाल अवकाश मिलता है। इसके लिए बच्चे की आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि एक वर्ष से कम उम्र के बच्चे को गोद लेने की वैध तिथि के बाद 180 दिनों की दत्तक ग्रहण छुट्टी दी जाती है।



रक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला, सेना में अब नहीं होगा मैटरनिटी लीव, चाइल्ड केयर और गोद लेने की छुट्टी को लेकर भेदभाव, सबके लिए बराबर की छुट्टी  


महिला सैनिकों, नाविकों और हवाई योद्धाओं को अपने अधिकारी समकक्षों के साथ सममूल्य पर मातृत्व, चाइल्ड केयर और चाइल्ड गोद लेने की छुट्टी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।


Maternity Leave in Armry: सशस्त्र बलों में अब मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) में रैंक भेदभाव नहीं होगा. महिला सैनिकों, नाविकों और वायु सेनाओं को एक अधिकारी के बराबर मातृत्व, बच्चों की देखभाल और कानूनी रूप से बच्चे को गोद लेने पर अवकाश मिलेगा.


रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने रविवार को कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए उनके अधिकारी समकक्षों के बराबर मातृत्व, बच्चों की देखभाल और बच्चों को गोद लेने की छुट्टियों के नियमों के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.


महिलाओं के लिए लागू होगी समान छुट्टी

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, नियम जारी होने के साथ ही सेना में सभी महिलाओं के लिए ऐसी छुट्टियां देना समान रूप से लागू होगा, चाहे वह अधिकारी हों या किसी अन्य रैंक की.

एमओडी अधिकारी ने कहा,"यह निर्णय सशस्त्र बलों में सभी महिलाओं की समावेशी भागीदारी के रक्षा मंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है, चाहे उनकी रैंक कुछ भी हो. छुट्टी नियमों के विस्तार से महिला-विशिष्ट पारिवारिक और प्रासंगिक सामाजिक मुद्दों से निपटने में काफी मदद मिलेगी.“


महिलाओं को संतुलन बनाने में मिलेगी मदद

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस उपाय से सेना में महिलाओं की कार्य स्थितियों में सुधार होगा और उन्हें पेशेवर और पारिवारिक जीवन के क्षेत्रों में बेहतर तरीके से संतुलन बनाने में मदद मिलेगी.

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में सक्रिय रूप से तैनात होने से लेकर युद्धपोतों पर तैनात होने के साथ-साथ आसमान पर हावी होने तक, भारतीय महिलाएं अब सशस्त्र बलों में लगभग हर क्षेत्र में बाधाओं को तोड़ रही हैं.


रक्षा मंत्रालय ने क्या कहा?

2019 में, भारतीय सेना के सैन्य पुलिस कोर में सैनिकों के रूप में महिलाओं की भर्ती कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई. रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, "रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का हमेशा से मानना रहा है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में अपने पुरुष समकक्षों के बराबर होना चाहिए.

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