एक अक्तूबर के राजस्व विभाग के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट की गई थी अपील
लखनऊ । इलाहाबाद न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने चकबंदी कार्मिकों की राजस्व विभाग में सेवा स्थानांतरण और प्रतिनियुक्ति पर रोक लगा दी है। चकबंदी कार्मिकों ने राजस्व विभाग के एक अक्तूबर 2023 के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इस पर अदालत ने कार्मिकों के पक्ष में स्थगन आदेश दिया है।
राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव सुधीर गर्ग ने एक अक्तूबर को चकबंदी विभाग के कनिष्ठ सहायक, चकबंदी लेखपाल, चकबंदीकर्ता, सहायक चकबंदी अधिकारी और चकबंदी अधिकारियों को अस्थायी रूप से राजस्व विभाग में स्थानांतरित करने या प्रतिनियुक्ति पर भेजने का आदेश दिया था। विभाग का तर्क था कि चकबंदी विभाग में कार्मिकों के सापेक्ष काम बहुत कम है, वहीं राजस्व विभाग में काम के सापेक्ष कार्मिक कम हैं।
इस आदेश के खिलाफ चकबंदी विभाग दिनेश प्रताप यादव सहित 30 अन्य कार्मिकों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा कि विभाग किसी भी कर्मचारी की सहमति के बिना उसे किसी अन्य विभाग में प्रतिनियुक्ति पर नहीं भेज सकता है।
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने इस तर्क के आधार पर चकबंदी कार्मिकों के सेवा स्थानांतरण और प्रतिनियुक्ति पर रोक लगा दी है। उधर, राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि अब विभाग में खाली पद लंबे समय तक नहीं भर पाएंगे। 8085 लेखपालों की भर्ती अब तक पूरी नहीं हुई है। पद खाली होने से कामकाज प्रभावित हो रहा है।