शासन की अनुमति पर ही निकाय रख सकेंगे संविदा कर्मी, बेवजह किसी का मानदेय नहीं रोका जा सकेगा
लखनऊ। निकायों द्वारा आउटसोर्सिंग के माध्यम से संविदा कर्मियों को रखने के नाम पर होने वाली मनमानी पर रोक लगा दी गई है। निकायों को इसके लिए अब शासन से अनुमति लेनी होगी। इस संबंध में स्थानीय निकाय निदेशालय को निर्देश भेज दिया गया है।
स्थानीय निकाय निदेशालय की ओर से सभी नगर निकायों को तत्काल इस व्यवस्था को लागू करने के निर्देश भेज दिए गए हैं। साथ ही संविदा पर रखे गए कर्मचारियों का मनमाने तरीके से मानदेय रोकने की शिकायतों पर भी तय किया गया है कि ऐसा करने से पहले कारण बताना अनिवार्य होगा । बिना वजह किसी का मानदेय नहीं रोक जा सकेगा।
संयुक्त निदेशक स्थानीय निकाय ने निकाय से इस संबंध में पूरी जानकारी मांगी है। इसमें कहा गया है कि कार्यरत सभी नियमित संविदा, दैनिक, आउटसोर्स यानी ठेके पर रखे गए कर्मियों के वेतन भुगतान की क्या स्थिति है। आगर कोई बाधा है तो इसकी पूरी जानकारी निदेशालय को दें दरअसल, शिकायतें आती रहती हैं कि इन कर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिलता है। इससे ये अक्सर धरना- प्रदर्शन करते हैं। नियमतः इन्हें रखने से पहले मानदेय देने के लिए बजटीय व्यवस्था की जानी चाहिए। लेकिन मनमानी करते हुए कर्मियों को रख लिया जाता है। इसलिए व्यवस्था में बदलाव किया गया है।
ये है मौजूदा व्यवस्था
मौजूदा व्यवस्था में निकायों के स्तर पर जरूरत के आधार पर संविदा या ठेके पर कर्मचारियों को रखा लिया जाता है। इसमें बड़े स्तर पर खेल होने की शिकायतें सामने आती है। सबसे अधिक शिकायतें कम कर्मचारी रखकर अधिक कर्मचारियों के मानदेय का भुगतान करने को लेकर है। शासन से कराई गई गोपनीय जांच में शिकायतों की पुष्टि के बाद व्यवस्था में बदलाव किया गया है।