प्रयागराज । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले से कहा है कि 30 वर्ष की लंबी सेवा के बाद किसी कर्मचारी को इसलिए पेंशन देने से इन्कार नहीं कर सकते कि उसकी शुरू की सेवा अस्थायी या दैनिक वेतनभोगी थी। कोर्ट ने कहा कि सेवा नियमित होने के बाद पेंशन के लिए दैनिक वेतनभोगी सेवा अवधि भी जोड़ी जाएगी।
याची की नियुक्ति पीडब्ल्यूडी में बेलदार पद पर 1985 में हुई। वर्ष 2005 में नियमित हो गया । इसलिए याची पुरानी पेंशन पाने का हकदार हैं। कोर्ट ने याची को चार सप्ताह में प्रत्यावेदन देने तथा लोक निर्माण विभाग को उसे दो माह में तय करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने बसंत लाल की याचिका को तय करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अंबुज पांडेय ने बहस की। इनका कहना था कि अवधेश कुमार श्रीवास्तव केस में हाई कोर्ट व प्रेम सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट ने नियमित कर्मचारी को दैनिक सेवा अवधि जोड़कर पेंशन निर्धारित करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा अस्थायी सेवा के आधार पर ही सेवा नियमितीकरण किया गया है। इसलिए पूरी सेवा अवधि को पेंशन निर्धारण के लिए क्वालीफाइंग सेवा मानी जाय ।