प्रदेश भर की आशा वर्करों ने भरी हुंकार, न्यूनतम वेतन के बराबर स्थायी भुगतान करे सरकार
लखनऊ। प्रदेश भर से सैकड़ों की संख्या में ईको गार्डेन में सोमवार को जुटीं आशा वर्कर व संगिनियों ने न्यूनतम वेतन के बराबर स्थाई भुगतान करने की मांग जोरदार तरीके से उठाई। प्रदर्शनकारी आशा वर्करों ने सात-सात माह से प्रोत्साहन राशि का भुगतान न होने पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने अपनी 15 सूत्रीय मांगों से संबिन्धत ज्ञापन मुख्यमंत्री को प्रेषित किया।
ऐक्टू से संबद्ध उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन के आवाहन पर प्रदेश भर से सैकड़ों की संख्या में आशा कर्मियों ने ईको गार्डेन में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों आशा व संगिनी को संबोधित करते हुये भाकपा माले के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि सरकार प्रदेश में पूंजी का बड़ा प्रवाह होने और दुनियां भर से पूंजी
प्रदेश में आने का दावा करती है। सरकार का कहना है कि प्रदेश में फन्ड की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि हकीकत में सरकार दिवालियापन के कगार पर है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों, स्कीम वर्कर्स से लेकर गन्ना किसानों तक का बकाए का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
आशा वर्कर्स यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी ने कहा कि योगी सरकार प्रदेश में दूध, दही की नदियां बहाने का दावा करती है, लेकिन आशा कर्मियों को मिलने वाले दो-चार हजार के मेहनताने का भुगतान कई कई महीने तक नही होता ।
यूनियन की राज्य सहसचिव सरला श्रीवास्तव ने कहा कि तमाम काम के पैसों की एन एच एम और जिला से लेकर स्वास्थ्य केंद्र के बीच बंदरबांट होती है।