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Tuesday, September 5, 2023

आयकर रिटर्न में चूक रह गई तो संशोधित रिटर्न में करें सही, बार-बार संशोधन करना गैर-कानूनी नहीं है मगर ऐसा करने पर आप विभाग की निगाह में आ सकते हैं

आयकर रिटर्न में चूक रह गई तो संशोधित रिटर्न में करें सही,  बार-बार संशोधन करना गैर-कानूनी नहीं है मगर ऐसा करने पर आप विभाग की निगाह में आ सकते हैं



आयकर रिटर्न भरना किसी के लिए आ भी बहुत जरूरी होता है। पूरा ध्यान रखने के बाद भी रिटर्न भरते समय चूक होने का या गलत जानकारी भर जाने का खटका रहता है। अच्छी बात यह है कि आयकर विभाग ऐसी चूक करने वालों को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139 (5) के तहत संशोधित रिटर्न दाखिल कर सुधार करने का मौका देता है।


आईपी पसरीचा ऐंड कंपनी में पार्टनर मनीत पाल सिंह कहते हैं, 'संशोधित रिटर्न पहले भरे गए रिटर्न की जगह ले लेता है।'


कौन भर सकता है ?

पहले रिटर्न भर चुके किसी भी व्यक्ति या संस्था को अगर बाद में कोई चूक मिलती है या कुछ भरने से छूट जाने की बात पता चल जाती है तो वह व्यक्ति संशोधित रिटर्न दाखिल कर सकता है। सीएनके में पार्टनर पल्लव प्रद्युम्न नारंग बताते हैं, 'कर निर्धारण वर्ष (असेसमेंट वर्ष) खत्म होने में ज्यादा से ज्यादा तीन महीने बचे हों या कर निर्धारण पूरा नहीं हुआ हो। इनमें से जो भी पहले हो तभी तक संशोधित रिटर्न भरा जा सकता है।'

वित्त वर्ष 2022-23 (कर निर्धारण वर्ष 2023-24 ) के लिए संशोधित रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर, 2023 होगी बशर्ते पहले भरे गए रिटर्न का आकलन उस समय तक पूरा न हुआ हो।

वित्त अधिनियम, 2021 में संशोधित रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा बदल दी गई है। एमवीएसी एडवोकेट्स एंड कंसल्टेंट्स में मैनेजिंग पार्टनर प्रत्युष मिगलानी कहते हैं, 'पहले असेसमेंट वर्ष खत्म होने तक या असेसमेंट पूरा होने में से जो भी पहले हो जाता था, उससे पहले संशोधित रिटर्न दाखिल करने का मौका करदाताओं के पास था।' नारंग बताते हैं कि रिटर्न संशोधित करने की कोई सीमा नहीं है यानी करदाता जितनी बार चाहे, उतनी बार इसमें संशोधन कर सकता है।


तुरंत भरें

यदि आपको संशोधित रिटर्न भरने की जरूरत महसूस हो रही है तो उठिए और तुरंत भर डालिए। इसके लिए धारा 143 ( 3 ) के तहत कर विभाग से नोटिस आने का इंतजार मत कीजिए। हाल ही में खबर आई थी कि आयकर विभाग ने करदाताओं को 1 लाख नोटिस जारी किए हैं। इससे समझ आ जाना चाहिए कि संशोधित रिटर्न जल्दी दाखिल करना कितना जरूरी है। संशोधित रिटर्न भरने पर आयकर विभाग किसी तरह का जुर्माना या शुल्क नहीं लगाता है। मगर संशोधित रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख निकल गई तो जुर्माना लगता है। उच्चतम न्यायालय में वकील संदीप बजाज समझाते हैं, 'आखिरी तारीख निकल गई तो आयकर अधिनियम की धारा 234एफ के तहत 5,000 रुपये का जुर्माना लगता है। लेकिन आयकर 5 लाख रुपये से अधिक नहीं हुआ तो केवल 1,000 रुपये वसूले जाते हैं।'


बार-बार संशोधन से बचें

रिटर्न भरने के बाद कुछ और जानकारी मिलने पर उसे संशोधित रिटर्न में दाखिल किया जा सकता है। बजाज बताते हैं, 'आयकर रिटर्न में संशोधन तभी किया जा सकता है, जब पहले चूक जानबूझकर नहीं की गई हो। कोई जानकारी छिपाई गई हो या गलत जानकारी दी गई हो तो संशोधित रिटर्न की सहूलियत नहीं मिलती।' संशोधित रिटर्न भरते समय चौकस रहें ताकि दोबारा गलतियां न हो जाएं। नारंग के मुताबिक रिटर्न में बार-बार बदलाव करना गैर- कानूनी तो नहीं है मगर ऐसा करने पर आप कर अधिकारियों की नजर में आ सकते हैं। अगर मूल रिटर्न और आखिरी रिटर्न में बहुत फर्क हो तब भी कर विभाग द्वारा जांच किया जाना लगभग पक्का है। बजाज बताते हैं कि रिटर्न में संशोधन करते समय यदि जानबूझकर कोई जानकारी हटा या छोड़ दी गई है तो जुर्माना लगाया जा सकता है।


मिगलानी का सुझाव है, 'संशोधित रिटर्न दाखिल करते समय साफ शब्दों में बताएं कि आपने बदलाव क्यों किए हैं। इससे जुड़े दस्तावेज और सबूत भी आगे के लिए अपने पास रखें।' संशोधित रिटर्न भरते समय सही फॉर्म चुनने का भी ध्यान रखना चाहिए।


मूल रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई, 2023 थी । बजाज कहते हैं, 'यह भी ध्यान रहे कि उस तारीख के बाद दाखिल किया गया रिटर्न बिलेटेड रिटर्न की श्रेणी में आता है और उसमें संशोधन की इजाजत नहीं मिलती।'


कई लोगों को लगता है कि संशोधित रिटर्न के बजाय वे अपडेटेड रिटर्न भर सकते हैं। अब वित्त अधिनियम, 2022 की धारा 139 की उपधारा 8ए के तहत अपडेटेड रिटर्न दाखिल किया जा सकता है। अपडेटेड रिटर्न कोई भी भर सकता है चाहे उन्होंने पहले से रिटर्न भरा हो, बिलेटेड रिटर्न भरा हो या संशोधित रिटर्न भर रहे हों। लेकिन अपडेटेड रिटर्न भरने पर  अच्छा-खासा जुर्माना लगाया जा सकता है।


संशोधित रिटर्न के जरिये आप अपने रिटर्न में बदलाव कर सकते हैं और हो सकता है कि आपको कर भी कम देना पड़े। मगर अपडेटेड रिटर्न में इस तरह की सहूलियत नहीं मिलती। रिटर्न को अपडेट तभी किया जा सकता है, जब करदाता को किसी ऐसी आय की जानकारी देनी - हो, जो पहले नहीं बताई गई हो। उस सूरत में कर बढ़ना लाजिमी है। इसीलिए मौका मिलते ही संशोधित रिटर्न दाखिल कर देना चाहिए।


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