अब खुद बना सकेंगे आयुष्मान कार्ड, आयुष्मान आपके द्वार 3.0 के तहत नई व्यवस्था
■ आयुष्मान आपके द्वार 3.0 के तहत की गई नई व्यवस्था
■ प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने सभी जिलों को जारी किए निर्देश
लखनऊ । आयुष्मान योजना के लाभार्थी अब अपना कार्ड खुद या किसी भी अन्य व्यक्ति के सहयोग से बना सकेंगे। इसके लिए अब केवल सरकारी कर्मियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। आयुष्मान आपके द्वार 3.0 के तहत यह नई व्यवस्था की गई है।
इस संबंध में शनिवार को प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने सभी मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी पात्र परिवारों को पांच लाख रुपये सालाना मुफ्त इलाज की सुविधा दी जा रही है। मगर प्रदेश में अभी आयुष्मान कार्ड बनाए जाने की गति बहुत धीमी है। 17 सितंबर से आयुष्मान भवः अभियान शुरू हो रहा है। इस अभियान का मुख्य घटक आयुष्मान आपके द्वार 3.0 है।
प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा के अनुसार आयुष्मान योजना के लाभार्थी पोर्टल पर जाकर या गूगल प्ले स्टोर से आयुष्मान एप डाउनलोड करके बेनिफीशरी के रूप में लॉगिन कर स्वयं अपना आयुष्मान कार्ड बना सकते हैं। इसके अलावा कोई भी सहायक, समाजसेवी, आम नागरिक या सरकारी कर्मचारी भी लाभार्थी का कार्ड बना सकता है।
कार्ड बनाने वालों के लिए आईडी जरूरी नहीं: आयुष्मान भारत योजना में प्रदेश के करीब 50 लाख ऐसे परिवारों को शामिल किया गया है, जो पात्र गृहस्थी राशनकार्ड धारक हैं। इन परिवारों में छह या उससे अधिक सदस्य हैं। इन परिवारों का डाटा बेस भी अब योजना के पोर्टल पर उपलब्ध है।
उन्होंने कहा है कि आयुष्मान भवः अभियान के दौरान ऐसे परिवारों को चिन्हित कर किसी भी स्वयंसेवा संस्था, सरकारी कर्मचारी, राशन दुकानदार या किसी अन्य द्वारा भी पोर्टल या एप के जरिए इनके कार्ड बनाए जा सकते हैं। ऐसे कार्ड बनाने वाले लोगों को किसी अलग आईडी की जरूरत नहीं होगी।