सीधी भर्ती वाले दारोगा और इंस्पेक्टर को प्रशिक्षण अवधि का पूरा वेतन दें: हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा, पदोन्नति में भी प्रशिक्षण अवधि की गणना की जाए, दो माह में इस बाबत जारी करें आदेश
प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सीधी भर्ती के दारोगाओं और इंस्पेक्टरों को प्रशिक्षण अवधि का पूरा वेतन देने का आदेश दिया है। कहा, पदोन्नति में भी प्रशिक्षण अवधि को शामिल किया जाएगा। कोर्ट ने दो महीने में इसबाबत आदेश जारी करने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर, बरेली व वाराणसी जोन के विभिन्न जनपदों में तैनात दारोगाओं एवं पुलिस इंस्पेक्टरों की तरफ से दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर पारित किया है। दारोगाओं एवं इंस्पेक्टरों की तरफ से याचिकाएं दाखिल कर कोर्ट से मांग की गई थी कि प्रशिक्षण अवधि का वेतन एवं ट्रेनिंग अवधि को उनकी सेवाओं में जोड़ते हुए वेतन वृद्धि प्रदान करने का निर्देश दिया जाए। ये याचिकाएं लोकेश कुमार गौतम व 114 अन्य, विपिन कुमार व 186 अन्य मनीष कुमार सिंह व 17 अन्य तथा अनिल कुमार वर्मा व 37 अन्य ने अलग-अलग समूह में दाखिल की थी।
वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि अन्य दारोगाओं व इंस्पेक्टरों को प्रशिक्षण अवधि के वेतन एवं भत्ते प्रदान किए गए हैं। याची इंस्पेक्टरों व दारोगाओं को प्रशिक्षण अवधि में प्रति माह मानदेय (स्टाइपेंड) दिया गया है। प्रशिक्षण अवधि को उनकी सेवाओं में नहीं जोड़ा गया है और न ही इस अवधि को जोड़ते हुए अतिरिक्त वेतन वृद्धि दी गई है। इससे पहले हाई कोर्ट, आलोक कुमार सिंह व अन्य की विशेष अपील पर आदेश में सीधी भर्ती द्वारा चयनित दारोगाओं को प्रशिक्षण अवधि में वेतन देने का निर्देश दे चुका है।