बदलाव: गृहकर समेत निकायों के टैक्स अब ऑनलाइन जमा होंगे
निकायों से रिपोर्ट मांगी गई है कि कहां अभी पूरी तरह से ऑनलाइन काम नहीं हो रहा है। किसी तरह की कोई समस्या तो नहीं आ रही है, इसकी जानकारी दी जाए। प्रमुख सचिव नगर विकास ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इसके बाद भी ऑफलाइन टैक्स लेने के लिए दोषी को चिह्नित करते हुए इसकी जानकारी शासन को दी जाए।
लखनऊ । नगर विकास विभाग ने नगर निगमों समेत 60 निकायों में सभी तरह के टैक्स ऑफलाइन जमा करने पर रोक लगा दी है। निकायों को निर्देश दिया गया है कि वे सिर्फ ऑनलाइन टैक्स व लाइसेंस शुल्क जमा करेंगे। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने इस संबंध में निकाय अधिकारियों को निर्देश भेज दिया है।
निकायों को भेजे गए निर्देश में कहा गया है कि केंद्र सरकार के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के बिजनेस रिफार्म एक्शन प्लान-2023 के तहत सभी करों की वसूली प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाना है। नगर निगम अधिनियम-1959 और पालिका परिषद अधिनियम में दी गई व्यवस्था के आधार पर टैक्स का निर्धारण करते हुए इसकी वसूली की जाती है। इसके साथ ही निकायों द्वारा विभिन्न व्यवसायों के लिए लाइसेंस भी दिए जाते हैं।
लोगों को त्वरित, सुलभ व पारदर्शी तरीके से सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ई-नगरसेवा के तहत प्रदेश के 60 शहरों में नौ सुविधाएं ऑनलाइन की गई हैं। इन सेवा संबंधी शुल्कों को ऑनलाइन जमा किया जा सकता है। निकायों को मई-2023 में ही इसे अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्देश दिया जा चुका है। कुछ निकायों ने पूरी तरह से ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू कर दी है और कुछ में अभी ऑफलाइन टैक्स लिए जा रहे हैं।