पुरानी पेंशन बहाल नहीं करेगी यूपी सरकार, वित्त मंत्री बोले- नई में पुरानी पेंशन से ज्यादा फायदा
सपा ने किया विरोध, सदन से बहिर्गमन भी
लखनऊ। सरकार ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है वह पुरानी पेंशन बहाल नहीं करेगी। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) से सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को पुरानी पेंशन योजना से ज्यादा लाभ है, इसलिए पुरानी पेंशन बहाली नहीं होगी। सरकार ने एनपीएस के तहत कर्मचारियों को उनकी अपेक्षा से अधिक राहत दी है। वित्त मंत्री के इस जवाब से असंतुष्ट सपा के विधायकों ने सदन से बहिर्गमन किया।
सपा के विधायक अनिल प्रधान, पंकज मलिक, जय प्रकाश अंचल और रालोद के गुलाम मोहम्मद ने विधानसभा में पुरानी पेंशन का मुद्दा उठाया। कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारी के लिए पेंशन जीवनयापन का सबसे बड़ा सहारा है। पुरानी पेंशन न मिलने से इनका परिवार में सम्मान नहीं होता है। जीवनभर सरकार की सेवा करने के बाद बुढ़ापे में वे बेसहारा हो जाते हैं। उन्होंने सवाल किया कि कर्मचारियों की पेंशन राशि कहां जमा है और उसकी सुरक्षा की क्या गारंटी है? क्या सरकार पुरानी पेंशन बहाल करने पर विचार करेगी। सपा विधायकों ने कहा जब पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में पुरानी पेंशन बहाल हो गई है तो यूपी में क्यों नहीं हो रही है?
इस पर सुरेश खन्ना ने कहा कि एक अप्रैल, 2005 में जब एनपीएस लागू की गई तब प्रदेश में सपा की सरकार थी। उसके बाद भी बसपा व सपा की सरकार बनी, तब कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि 2019 में योगी सरकार ने एनपीएस में अपना अंशदान 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया। कर्मचारी संगठनों ने एनपीएस के तहत उनकी जमा राशि पर 8 प्रतिशत व्याज की मांग की थी, जबकि वर्तमान में उन्हें 9.32 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है। कर्मचारियों को ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण, बीमा का लाभ दिया जा रहा है। चिकित्सा व्ययपूर्ति का आदेश जल्द जारी किया जाएगा।
कर्मचारियों की पेंशन राशि का 85 प्रतिशत हिस्सा सरकार के पास सुरक्षित
वित्त मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों की पेंशन राशि का 85 प्रतिशत हिस्सा सरकार के पास सुरक्षित है। 15 प्रतिशत राशि एसबीआई, यूटीआई सहित अन्य जिम्मेदार संस्थाओं के पास है। 5.59 लाख कर्मचारी, 3.36 लाख शिक्षक और स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारी एनपीएस के तहत पंजीकृत हैं।
यूपी : एक अप्रैल 2005 से पहले विज्ञापित पदों पर नियुक्ति पाने वालों को OPS नहीं, विधान परिषद में वित्त मंत्री का जवाब
लखनऊ। प्रदेश में जिन कर्मचारियों और शिक्षकों के पदों का विज्ञापन और चयन 1 अप्रैल 2005 से पहले हुआ था, पर कार्यभार इस तिथि के बाद ग्रहण कराया गया, उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ देने की कोई योजना नहीं है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की ओर से विधान परिषद में सोमवार को यह जवाब रखा गया। इसमें कहा गया है कि 1 अप्रैल 2005 से पहले जिन कार्मिकों ने कार्यभार ग्रहण किया था, उन्हें ही पुरानी पेंशन दी जा सकती है। इस बारे में भाजपा के सदस्य देवेंद्र प्रताप सिंह और सपा के सदस्य आशुतोष सिन्हा की ओर से तारांकित प्रश्न किया गया था।