30 सितंबर तक पूरी होगी प्रमोशन की चयन प्रक्रिया, निर्देशों का पालन न होने पर जिम्मेदार अधिकारियों की तय होगी जवाबदेही
लखनऊ। सभी विभागों को इस वर्ष की पदोन्नति की चयन प्रक्रिया 30 सितंबर तक पूरी करनी होगी। इन निर्देशों का पालन न होने पर जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय होगी। उनकी वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि (एसीआर) में इसे दर्ज किया जाएगा। इसके लिए मुख्य सचिव की ओर से शासनादेश जारी कर दिया गया है।
कार्मिक विभाग की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि एक जुलाई से चयन वर्ष 2023-24 प्रारंभ हो चुका है। चयन की प्रक्रिया समय से पूरी न होने पर पदों को भरने में देरी होती है। इससे सरकारी कामकाज तो प्रभावित होता ही है, संबंधित कार्मिकों के मनोबल पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए चयन वर्ष की सभी रिक्तियों के सापेक्ष चयन की कार्यवाही 30 सितंबर तक पूरी कर ली जाए।
1 जुलाई 2023 से 30 जून, 2024 तक पदोन्नति से भरी जाने वाली सभी रिक्तियों की गणना करा ली जाए। विभागाध्यक्ष या उनसे नीचे की पंक्ति की जिन रिक्तियों को कार्मिक विभाग के जरिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित चयन समिति को भरना है, उनका प्रस्ताव 31 जुलाई तक उपलब्ध करा दिया जाए। ऐसा न किए जाने पर संबंधित अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव को कारण स्पष्ट करना होगा।
मुख्य सचिव की ओर से शासनादेश जारी, पदोन्नति कोटे के खाली पद 30 सितंबर तक भरेंगे
लखनऊ : सरकारी विभागों में पदोन्नति कोटे के खाली पदों को 30 सितंबर तक अभियान चलाकर भरा जाएगा। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बुधवार को विभागाध्यक्षों को निर्देश भेज दिया है। शासनादेश के मुताबिक 2023-24 निदेशक एक जुलाई 2023 से 30 जून 2024 तक की रिक्तियों को भरा जाएगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी विभागीय पदोन्नति कमेटी से जिन पदों को भरा जाना है, उसके लिए कार्मिक विभाग को 31 जुलाई तक प्रस्ताव उपलब्ध करा दिया जाएगा।