यूपी : बुजुर्ग पेंशनरों की संख्या तेजी से घट रही, पिछले पांच साल में 75 से 100 वर्ष वाले पेंशनरों की संख्या में औसतन 50 फीसदी की कमी आई
घट रहे 75 से 100 वर्ष के पेंशनर
पांच साल में दोगुने हो गए 65 साल तक के पेंशनर
सबसे ज्यादा घटे 100 वर्ष आयु वाले पेंशनर
5 साल में कुछ इस तरह कम हुए बुजुर्ग पेंशनर
लखनऊ। प्रदेश में बुजुर्ग पेंशनरों की संख्या तेजी से घट रही है। पिछले पांच साल में 75 से 100 वर्ष वाले पेंशनरों की संख्या में औसतन 50 फीसदी कमी आई है। जबकि 65 वर्ष तक के पेंशनरों की संख्या दोगुना हो गई है। पेंशन निदेशालय के पिछले पांच साल की रिपोर्ट से ये खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में कुल पेंशनरों की संख्या में इजाफा हुआ है। वर्ष 2019 में 11.82 लाख पेंशनर थे, जिनकी संख्या वर्ष 2023 में बढ़कर 12.18 लाख हो गई। वहीं, उम्रदराज पेंशनरों की संख्या लगातार घट रही है। सबसे ज्यादा कमी 100 वर्ष की उम्र के पेंशनरों में आई है। जो इस अवधि में 3061 से घटकर महज 756 रह गए हैं।
इसी तरह 90 से 100 साल की उम्र वाले पेंशनरों की संख्या भी घटकर आधी रह गई है। वर्ष 2019 में करीब 32 हजार पेंशनर इस आयु वर्ग के थे, जो अब 16 हजार बचे हैं। जबकि 65 साल तक के पेंशनरों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2019 में 1.77 लाख पेंशनर 65 वर्ष तक की आयुवर्ग के थे, जो अब बढ़कर 3.24 लाख हो गए हैं। यानी कि पांच साल में इनकी संख्या करीब दोगुना हो गई है।
एकाकीपन से भी घट रहे बुजुर्ग
वयोवृद्धों की संख्या में तेजी से आई कमी पर समाजशास्त्रियों ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि बुजुर्ग हमारे समाज की नींव हैं, जिन्हें संभालकर रखें। 75 से 100 वर्ष के पेंशनरों की घटती संख्या की एक वजह एकाकीपन भी हो सकती है। नौकरी व अन्य कारणों से बच्चों के बाहर जाने और उम्र के इस पड़ाव पर जीवनसाथी का साथ छूट जाने जैसे कारणों से बुजुर्ग अकेलेपन का शिकार हो गए हैं।
सबसे ज्यादा घटे 100 वर्ष आयु वाले पेंशनर
5 साल में कुछ इस तरह कम हुए बुजुर्ग पेंशनर
75 से 80 वर्ष वाले 2.22 लाख पेंशनर थे, जो 2 लाख रह गए
80 से 85 वर्ष वाले 1.45 लाख पेंशनर थे, जो घटकर 95,500 रह गए
85 से 90 वर्ष वाले 57 हजार पेंशनर थे, जो 38 हजार रह गए
90 से 95 वर्ष वाले 24 हजार पेंशनर थे, जो 13 हजार रह गए 95 से 100 वर्ष वाले 8300 पेंशनर थे, जो 3700 रह गए
100 वर्ष या अधिक वाले 3061 पेंशनर थे, जो 756 रह गए