Post Office की छोटी बचत योजनाओं के नियमों में बदलाव, बड़ा निवेश करने पर दिखाने होंगे ये दस्तावेज
Post Office Small Saving Schemes पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाओं में निवेश को लेकर नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है। अब हाई रिस्क वाले निवेशकों को अपने निवेश किए गए फंड का सोर्स बताना होगा।
नई दिल्ली । पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए जरूरी खबर है। डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि एक सीमा से अधिक स्मॉल सेविंग स्कीम्स निवेश करने पर निवेशकों को अपनी आय का स्त्रोत दिखाना होगा।
पोस्ट ऑफिस क्यों जारी किया नोटिफिकेशन?
पोस्ट ऑफिस द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट- इंडिया (FIU-IND)और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF)के नियमों का पालन करने के लिए डाकघर की AML/CFT को लेकर गाइडलाइंस में संशोधन किया गया है।
इस संशोधन का उद्देश्य पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स का उपयोग काले धन को सफेद करने और आंतकवादी गतिविधियों को फाइनेंस करने से रोकना है।
नई गाइडलाइंस के मुताबिक ग्राहकों को तीन प्रोफाइल में बांटा गया है। पहला लो रिस्क (निवेश की मैच्योरिटी वैल्यू 50,000 से अधिक न हो), दूसरा मीडियम रिस्क (निवेश की मैच्योरिटी वैल्यू 10 लाख से अधिक न हो) और हाई रिस्क (निवेश की मैच्योरिटी वैल्यू 10 लाख से अधिक हो)।
हाई रिस्क वाले निवेशकों को बताना होगा फंड का सोर्स
हाई रिस्क वाले निवेशकों पोस्ट ऑफिस में निवेश करते समय बताना होगा कि फंड कहा से आया और इसके लिए दस्तावेज भी प्रस्तुत करने होंगे।
कौन- से दस्तावेज दिखाने होंगे?
बैंक की स्टेटमेंट पिछले तीन सालों का इनकम टैक्स रिटर्न सेल डीड/गिफ्ट डीड/वसीयत/ उत्तराधिकार प्रमाण पत्र अन्य कोई दस्तावेज, जिससे आपकी आय का स्त्रोत आसानी से पता लग सके।
पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाएं
पोस्ट ऑफिस निवेशकों को छोटी बचत योजनाएं ऑफर करता है। आमतौर पर इसमें निवेशकों को बैंक के मुकाबले अधिक ब्याज मिलती है। सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, किसान विकास पत्र और एफडी पोस्ट ऑफिस की लोकप्रिय योजनाएं हैं।
डाकघर में बड़े निवेश पर आय का सबूत देना होगा, ये दस्तावेज जमा करने होंगे
केंद्र सरकार ने डाकघर की बचत योजनाओं में निवेश के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत अब कोई भी शख्स यदि डाकघर की बचत योजनाओं में 10 लाख रुपये से अधिक का निवेश करता है तो उसे धन के स्रोत या आय का प्रमाण देना होगा।
डाक विभाग ने इस संबंध में हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें निवेशकों के लिए केवाईसी यानी ‘अपने ग्राहक को जानें’ प्रावधानों को सख्त किया गया है। डाक विभाग ने सभी डाकघरों को निर्देश जारी कर कहा है कि कुछ श्रेणियों की छोटी बचत योजनाओं के निवेशकों से आय का प्रमाण अनिवार्य रूप से लें।
इसलिए हुआ बदलाव सरकार ने यह बदलाव धनशोधन निवारण और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए किया है। केवाईसी के नए प्रावधानों में डाक विभाग ने निवेश जोखिम के आधार निवेशकों को तीन श्रेणियों में बांटा है। निवशेकों को अब पैन और आधार कार्ड भी देना होगा।
नई केवाईसी होगी निवेशकों को अपनी जोखिम श्रेणी के आधार पर कुछ अंतराल पर केवाईसी की प्रक्रिया को फिर से पूरा करना होगा। उच्च जोखिम वाले निवेशकों को हर दो साल में, मध्यम श्रेणी वालों को पांच और कम जोखिम वाले निवेशकों को हर सात साल में केवाईसी करानी होगी।
इसी तरह 50 हजार रुपये से ज्यादा लेकिन 10 लाख रुपये से कम रकम के साथ खाता खुलवाने वाले निवेशक को मध्यम जोखिम वाली श्रेणी में रखा जाएगा। सभी योजनाओं को मिलाकर लेनदेन 10 लाख रुपये से कम होना चाहिए।
ये दस्तावेज जमा करने होंगे
● बैंक या डाकघर खाते का विवरण, जो धन के स्रोत को दर्शाता हो
● पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान दाखिल की गई आयकर रिटर्न
● उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र/सेल या गिफ्ट डीड/ वसीयत की कॉपी
● आधार और पैन कार्ड। दो फोटोग्राफ।
छोटी योजनाओं में 10 लाख या अधिक के निवेश पर अब देना होगा कमाई का सबूत
नई दिल्ली। डाकघर की छोटी बचत योजनाओं में अब 10 लाख या इससे ज्यादा का निवेश करने पर कमाई का सबूत देना होगा। मनी लॉन्ड्रिंग व आतंकी गतिविधियों की फंडिंग रोकने के लिए सरकार नया नियम लाई है। डाक विभाग की ओर से 'ग्राहक को जानो' (केवाईसी) के संबंध में जारी परिपत्र के अनुसार, अब सभी योजनाओं में निवेश के लिए पैन व आधार देना होगा। भारत के बाहर रहने वाले राजनीतिक रूप से जोखिम वाले व्यक्तियों (पीईपी) से संबंधित खाते उच्च जोखिम श्रेणी के अंतर्गत आएंगे.
ये कागजात भी मान्य
बैंक या डाकघर खाते का विवरण, जिसमें पैसे की पूरी जानकारी हो। पिछले तीन साल में से किसी एक साल के आईटी रिटर्न का विवरण।
निवेशकों को तीन श्रेणियों में बांटा
01- डाकघर की सभी योजनाओं में कुल निवेश 50 हजार रुपये से ज्यादा नहीं तो कम जोखिम वाला निवेशक।
02 -50 हजार रुपये से ज्यादा, पर 10 लाख रुपये से कम रकम वाले निवेशक मध्यम जोखिम श्रेणी में रकम
03- 10 लाख या इससे ज्यादा है, तो फिर निवेशक उच्च जोखिम श्रेणी में इनके ऊपर कड़े प्रावधान लागू होंगे।