■ राजस्व परिषद ने सभी डीएम को अधिसूचना भेजी
■ इसमें कहा इस प्रक्रिया को अनिवार्य किया जाए
लखनऊ। राजस्व परिषद ने आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए आधार को लिंक करना अनिवार्य कर दिया है। राजस्व परिषद की सचिव व आयुक्त मनीषा त्रिघाटिया ने सोमवार को इस संबंध में सभी डीएम को निर्देश भेज दिया है।
जिले स्तर पर आय, जाति, निवास और हैसियत प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। इसके लिए अभी आधार की छाया प्रति तो ली जाती है, लेकिन इसे लिंक नहीं किया जाता था। लोग अपनी जरूरतों के आधार पर इसे बनावते रहते हैं। नियमतः यह प्रमाण पत्र तीन साल के लिए मान्य होता है। इसीलिए इसको रोकने के लिए आधार को लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है।