सरकारी विभागों के खिलाफ कोर्ट में दिनोंदिन मामले बढ़ते जा रहे, प्रदेशभर के 102 विभागों में लंबित हैं 5.29 लाख मामले
बेसिक शिक्षा में 14001 मामले और माध्यमिक शिक्षा में 13769 मामले लंबित
कोर्ट केस का जवाब देने में बेसिक शिक्षा सहित चार विभाग फिसड्डी
सरकारी विभागों के खिलाफ कोर्ट में दिनोंदिन मामले बढ़ते जा रहे हैं। कोर्ट केस इनफार्मेशन सिस्टम (सीओसीआइएस) के अनुसार इलाहाबाद और लखनऊ हाई कोर्ट में प्रदेश के 102 विभागों के 5.29 लाख मामले लंबित हैं। जवाब दाखिल न होने के कारण आगे की प्रक्रिया रुकी रहती है।
उच्च शिक्षा निदेशालय को तीन दिन पहले हाई कोर्ट में विज्ञापन संख्या- 51 के तहत होने वाली असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती मामले में जवाब लगाना था, लेकिन निदेशालय के विधि प्रकोष्ठ प्रभारी ने जवाब नहीं लगाया तो कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की। जवाब लग जाता तो शायद मामला निस्तारित हो जाता। अब इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि 23 मई निर्धारित की गई है।
हाई कोर्ट में उच्च शिक्षा निदेशालय के खिलाफ 3109 मामले लंबित हैं। लंबित मामलों के सापेक्ष उच्च शिक्षा से 1024 में शपथ पत्र दाखिल किया गया, जबकि 2085 का जवाब नहीं दिया गया है। इससे ज्यादा बेसिक शिक्षा में 14001 मामले और माध्यमिक शिक्षा में 13769 मामले लंबित हैं।
नगर निकाय के खिलाफ 8540 मामले लंबित हैं और 6560 का जवाब दाखिल नहीं किया गया है। दूसरे नंबर पर राजस्व विभाग में 49507 मामले लंबित हैं और 5758 का जवाब नहीं लगाया गया है। तीसरे नंबर पर गृह विभाग में 3.73 लाख मामले लंबित हैं और 3167 का जवाब नहीं लगाया गया है। इस लिस्ट में चौथे नंबर पर उच्च शिक्षा निदेशालय है। उच्च शिक्षा निदेशक ब्रह्मदेव ने बताया कि कोर्ट के मामलों के लिए अलग प्रकोष्ठ बनाया गया है।