रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और यूपीआई जैसे विकल्पों को आकर्षक और सुलभ बनाने के लिए बड़ा ऐलान किया है। अब अगर आपके खाते में पैसे नहीं हैं तो यूपीआई के जरिए लोन लेकर अपना काम चला सकते हैं। इसके लिए आपको किसी भी तरह के क्रेडिट कार्ड की जरूरत नहीं होगी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने यूपीआई के माध्यम से बैंकों में प्री अप्रूव्ड क्रेडिट लाइनों (लोन) के संचालन की अनुमति दी है। ऐसे ग्राहक भी बैंक से क्रेडिट लाइन हासिल कर सकेंगे, जिनके पास क्रेडिट कार्ड नहीं है।
इसका फायदा वे यूपीआई के जरिए उठा सकते हैं। यूपीआई यूजर बैंक जमाओं की तरह लोन अकाउंट का इस्तेमाल कर सकेंगे। काम होने पर इसे आसानी से वापस भी कर सकेंगे। साथ ही हर रोज होने वाली धोखाधड़ी से भी बच सकेंगे।
गूगल पे-फोन पे जैसे ऐप से ले सकेंगे लोन
इस सुविधा से बैंकों के ऐसे ग्राहकों को भी यूपीआई के जरिए छोटी अवधि के लोन या पर्सनल लोन मिल सकेगा, जिनके पास क्रेडिट कार्ड नहीं है। जो यूजर्स पेटीएम, फोनपे या गूगलपे जैसे ऐप के जरिये यूपीआई भुगतान करते हैं।
उन्हें अब प्री-अप्रूव्ड क्रेडिट लाइन दी जाएगी। यह राशि बैंकों या वित्तीय संस्थान की ओर से तय होगी।यूपीआई यूजर्स इन लोन का इस्तेमाल तब कर सकेंगे, जब उनके खाते में रुपए नहीं होंगे।
कुछ यूपीआई ऐप पहले से इस रकम को वॉलेट में ट्रांसफर करने की सुविधा देते हैं, लेकिन ये पेमेंट भी बैंक डिपॉजिट से ही किया जाता है। लेकिन आरबीआई के इस प्रस्ताव के लागू किए होने के बाद ग्राहक अपने बैंक डिपॉजिट के अलावा पहले से स्वीकृत क्रेडिट से भी यूपीआई पेमेंट कर सकेंगे।
इस लोन पर क्रेडिट कार्ड की तरह ही देना होगा ब्याज
आसान शब्दों में समझें तो इस सुविधा के आ जाने के बाद यूपीआई के जरिए ग्राहक बैंकों की ओर से दिए जाने वाले क्रेडिट का इस्तेमाल पेमेंट के लिए भी कर सकेंगे।
इस सुविधा के एवज में बैंक आपसे कुछ ब्याज वसूलेंगे। बैंक हर ग्राहक की जोखिम क्षमता का आकलन करके ही प्री-अप्रूव्ड क्रेडिट लाइन तैयार करेंगे।
क्या होती है क्रेडिट लाइन?
क्रेडिट लाइन किसी यूजर्स के लिए बैंक की ओर से तय की गई वह लिमिट होगी, जिस राशि को यूजर खर्च कर पाएगा। बैंक और वित्तीय संस्थान यूजर की आमदनी और कर्ज चुकाने की क्षमता का आकलन करके यह क्रेडिट लाइन तैयार करेंगे।
जरूरत पड़ने पर आप क्रेडिट लाइन से अधिकतम रकम तक पैसा निकालने की मंजूरी होती है। इस दौरान उधार ली गई रकम पर ब्याज का भुगतान भी करना होता है।
क्रेडिट लाइन ग्राहकों के बैंक खाते से जुड़ा होगा और बाई नाउ, पे लेटर से इसका कोई लेना-देना नहीं होगा। जैसे ही यूपीआई से क्रेडिट जैसी सुविधा मिलनी शुरू हुई तो भी क्रेडिट कार्ड का यह नया विकल्प बन सकता है।
सरकार इसे क्रेडिट कार्ड का विकल्प बनान चाहती है। इस सुविधा के शुरू होने से बैंकों का ऑफरिंग खर्च कम हो जाएगा।