PPF : 36 माह से ब्याज नहीं बढ़ा, फिर भी निवेश का बेहतर जरिया, जानिए कैसे?
पीपीएफ की ब्याज दर में लगातार 12 तिमाहियों से कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसके बावजूद पीपीएफ अब भी निवेश का बेहतर साधन बना हुआ है। इसकी कई वजह हैं।
सरकार ने 2023-24 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून अवधि के लिए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 0.7 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है। लेकिन, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) पर ब्याज दर में कोई इजाफा नहीं किया गया है। उस पर पहले की तरह जून तिमाही में भी 7.1 फीसदी ब्याज मिलता रहेगा।
जमा राशि और ब्याज पर मिलती है कर छूट
7.1 फीसदी की ब्याज दर नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी), किसान विकास पत्र (केवीपी), पांच साल के पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट और बैंक एफडी की तुलना में कम लग सकती है। लेकिन, पीपीएफ पर मिलने वाली कर छूट इसे अन्य छोटी बचत योजनाओं से अलग करती है। पीपीएफ खाता ईईई (एक्जंप्ट-एक्जंप्ट-एक्जंप्ट) श्रेणी में आता है। पीपीएफ खाते में एक साल में 1.50 लाख तक की जमा रकम और उसके ब्याज पर कोई कर नहीं चुकाना पड़ता है।
ले सकते हैं 25 फीसदी तक कर्ज
खाताधारक अपने पीपीएफ खाते में जमा रकम का 25 फीसदी तक कर्ज ले सकते हैं। यह सुविधा उस वित्तीय वर्ष के अंत से एक साल की समाप्ति के बाद ले सकते हैं। इसके अलावा, अगर आप 36 महीनों में कर्ज का भुगतान कर देते हैं तो कर्ज पर सिर्फ एक फीसदी की दर से ही ब्याज भरना पड़ेगा।
कोई जोखिम नहीं भविष्य में मिलेगा लाभ
पीपीएफ में निवेश पर निश्चित रिटर्न मिलता है। सरकार समर्थित योजना होने की वजह से इसमें पैसा लगाने पर कोई जोखिम भी नहीं होता है। सरकार हर तिमाही के दौरान छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में संशोधन करती है। इसलिए भविष्य में पीपीएफ की ब्याज दर बढ़ने की उम्मीद है। पहले इस योजना में निवेशकों को औसतन करीब 8 फीसदी तक ब्याज मिलता था।