Senior Citizen Taxpayers: देश में इनकम टैक्स भुगतान करने वाले सीनियर सिटीजन की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी आई है तो उनकी तरफ से इनकम टैक्स के भुगतान में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है. सरकार ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक बीते 4 वर्षों में इनकम टैक्स देने वाले सीनियर सिटीजंस की संख्या में 18.55 फीसदी का उछाल आया है. तो इसी चार वर्ष में उन्होंने 61 फीसदी ज्यादा इनकम टैक्स का भुगतान किया है. संसद में लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सरकार ने ये जानकारी दी है.
4 वर्ष में टैक्स देनदारी में 61 फीसदी का उछाल
लोकसभा में सरकार से सवाल किया गया था कि देश में ऐसे कितने सीनियर सिटीजन हैं जो इनकम टैक्स का भुगतान करते हैं और उनसे सरकार को कितने टैक्स की राजस्व प्राप्त होती है. इस सवाल के जवाब में वित्त राज्यमंत्री पकंज चौधरी ने लिखित में जवाब देते हुए बताया कि 2019-20 में 73,14,324 सीनिटर सिटीजंस टैक्सपेयर्स ने 70,262 करोड़ रुपये इनकम टैक्स का भुगतान किया था. 2020-21 में 75,73,353 टैक्सपेयर्स ने 79,806 करोड़ रुपये, 2021-22 में 81,30,798 टैक्सपेयर्स ने 83,756 करोड़ रुपये और 2022-23 में 28 फरवरी 2023 तक 86,71,564 सीनियर सिटीजन टैक्सपेयर्स ने 1,13,458 करोड़ रुपये इनकम टैक्स का भुगतान किया है. 4 वर्षों में इनकम टैक्स देने वाले सीनियर सिटीजंस की संख्या 18.55 फीसदी बढ़ी है तो टैक्स के भुगतान में 43,196 करोड़ रुपये या 61 फीसदी का उछाल आया है. 60 वर्ष से ज्यादा जिनकी उम्र हो जाती है वे लोग सीनियर सिटीजन के कैटगरी में आते हैं.
सरकार से सवाल पूछा गया कि पेंशनर्स समेत सभी सीनियर सिटीजन बेहतर तरीके से अपने जीवन गुजर बसर कर सकें ऐसे में क्या सरकार सीनियर सिटीजन को इनकम टैक्स भुगतान करने से छूट देने पर क्या विचार कर रही है? इस सवाल के जवाब में वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार के सामने ऐसा कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. उन्होंने बताया कि सरकार पहले से ही पेंशनर्स और सीनियर सिटीजन को इनकम टैक्स में कई प्रकार की छूट प्रदान करती है, जैसे
1. वित्त राज्यमंत्री ने बताया कि सीनियर सिटीजन के लिए इनकम टैक्स के 80डी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस या मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट हासिल करने की लिमिट को 30,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है.
2. 80डीडीबी के तहत 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजन के गंभीर बीमारी के इलाज में होने वाले खर्च पर टैक्स छूट की लिमिट को 60,000 रुपये से बढ़ाकर 80,000 रुपये कर चुकी है तो बहुत ज्यादा वरिष्ठ नागरिकों के मेडिकल खर्च पर टैक्स छूट हासिल करने के लिए लिमिट को 1.10 लाख रुपये किया जा चुका है.
3. बैंकों, कोऑपरेटिव सोसाइटी और पोस्ट ऑफिस में जमा रकम पर ब्याज से होने वाले 50,000 रुपये के इनकम पर डिडक्शन का लाभ मिलता है. तो सीनियर सिटीजन के लिए ब्याज से इनकम पर टीडीएस की लिमिट को 10,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा 75 साल से ज्यादा आयु के सीनियर सिटीजन टैक्सपेयर्स जिन्होंने टैक्स का भुगतान कर दिया है उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आवश्यकता नहीं है.