अनुकंपा नियुक्ति के आवेदनों पर अति सक्रिय होना जरूरी, सुप्रीम कोर्ट ने दी सरकारी अधिकारियों को सुप्रीम नसीहत
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मृत्यु की महिमा अपार है, यह युवा, वृद्ध, गरीब और अमीर में कोई अंतर नहीं करती। ऐसे में सरकारी अधिकारियों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी के दावों को तय करते समय 'अत्यंत सक्रियता' की भावना के साथ काम करना चाहिए। रोजगार के प्रावधान का उद्देश्य मृत कर्मचारी के परिवार को उनके सामने अचानक आए संकट से निपटने में सक्षम बनाना है।
जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने कलकत्ता हाईकोर्ट के एक फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की अपील को स्वीकार कर लिया। इसमें नगर निगम के उन कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को अनुकंपा नियुक्ति देने का आदेश दिया था, जिनकी सेवाकाल में मृत्यु हो गई थी।
पीठ ने कहा, उक्त मामले में अनुकंपा नियुक्ति के लिए मृत कर्मचारियों के कानूनी उत्तराधिकारियों ने 2005-2006 में तीन नगर निगमों- अनुकंपा बर्दवान, राणाघाट और हाबरा में आवेदन दायर किए थे और तब से लगभग 17-18 साल बीत चुके हैं। इस संबंध में राज्य का दायित्व, अपने कर्मचारियों तक सीमित है, जो सेवा में मर जाते हैं। ऐसे परिवार को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति की योजना बनी।