यूपी : निकाय चुनाव पर एक कदम और बढ़ी सरकार, पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल
🆕
यूपी की योगी सरकार ने निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी तय करने के लिए आयोग की रिपोर्ट और सिफारिशें सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दी। सुप्रीम कोर्ट को अब इस पर सुनवाई करनी है। वहां से अनुमति मिलने के बाद मेयर व अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण के लिए तय प्रक्रिया में संशोधन करने के लिए अधिनियम में संशोधन किया जाएगा।
यूपी में निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी तय करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा गठित उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट 31 मार्च तक तैयार करने का मौका दिया था। आयोग ने इसके पहले ही अपना काम पूरा करते हुए रिपोर्ट के साथ सिफारिशें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी है।
आयोग की इस रिपोर्ट को कैबिनेट से मंजूरी के बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया गया है। नगर विकास विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक इसमें सुनवाई के लिए तारीख देने का अनुरोध किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखा जाएगा कि इस रिपोर्ट के आधार पर निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी तय करते हुए उनके लिए सीटें आरक्षित करने व चुनाव कराने की अनुमति दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद आयोग की सिफारिश के आधार पर मेयर व अध्यक्ष सीटों के लिए निर्धारित प्रक्रिया में आंशिक संशोधन किया जाएगा, जिससे कोटे के मुताबिक 27 फीसदी तक आरक्षण का लाभ उन्हें दिया जा सके। सूत्रों का कहना है कि यूपी में निकाय चुनाव की अधिसूचना अप्रैल में जारी करते हुए मई में इसे पूरा कराने की तैयारी है।
नगर निकाय में अप्रैल में चुनाव की तैयारी : मेयर व अध्यक्ष की सीटों पर फेरबदल संभव, निकाय चुनाव आयोग ने सौंपी सर्वे रिपोर्ट, कैबिनेट से मोहर लगेगी आज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गुरुवार की रात उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने पिछड़े वर्गों की आबादी की सर्वे रिपोर्ट सौंप दी है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी के लिए रखा जाएगा। आयोग की 350 पेज की इस रिपोर्ट में जिलेवार पिछड़ों का आंकड़ा दिया गया है। इसमें पूर्व के आंकड़ों की भिन्नता की बात भी कही गई है।
सूत्रों के मुताबिक, सर्वे के मद्देनज़र अब मेयर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण में बड़े फेरबदल की संभावना है, साथ ही अनारक्षित कई सीटों के ओबीसी आरक्षण में बदलने की भी उम्मीद है। माना जा रहा है कि अप्रैल में चुनाव कराए जाने की तैयारी कर ली गई है।
दो माह दस दिन में तैयार की रिपोटर् आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राम अवतार सिंह की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल और प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात की मौजूदगी में यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी। आयोग ने दो माह 10 दिन में यह रिपोर्ट तैयार की है। हाईकोर्ट के आदेश पर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर पिछड़ों की हिस्सेदारी तय करने के लिए नगर विकास विभाग ने 28 दिसंबर-2022 को आयोग का गठन किया था। आयोग ने सभी 75 जिलों में सर्वे का काम शुरू करते हुए यह रिपोर्ट तैयार की है।
माह के अंत तक आरक्षण होगा जारी सुप्रीम कोर्ट ने निकाय चुनाव में पिछड़ों की हिस्सेदारी तय करने के लिए आयोग को सर्वे के लिए 31 मार्च 2023 तक का समय दिया है, लेकिन यह काम इससे पहले ही पूरा हो गया है। सरकार आयोग की रिपोर्ट इसी माह सुप्रीम कोर्ट में रखेगी और चुनाव की अनुमति मांगेगी।
कैबिनेट की मंजूरी के बाद नए सिरे से आरक्षण
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को रखने की तैयारी है। कैबिनेट से मंजूरी के बाद यूपी में नए सिरे से मेयर व अध्यक्ष की सीटों का आरक्षण करते हुए निकाय चुनाव कराने की अनुमति मांगी जाएगी।
निकाय चुनाव मतदाता सूची का पुनरीक्षण आज से
लखनऊ। राज्य निर्वाचन आयोग ने निकाय मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्यक्रम जारी कर दिया है। इसका प्रकाशन शुक्रवार को किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार ने गुरुवार को अधिसूचना जारी की। मतदाता सूची को 11 से 17 मार्च तक देखकर आपत्तियां देकर नाम जुड़वाए जा सकेंगे। इसी अवधि में आयोग की वेबसाइट sec.up.nic.in पर आवेदन कर नाम जुड़वाया जा सकेगा। इसका निस्तारण 18 से 22 मार्च तक किया जाएगा। पूरक मतदाता सूची 23 से 31 मार्च तक तैयार की जाएगी। अंतिम रूप से प्रकाशन एक अप्रैल को किया जाएगा। 75 जिलों में सर्वे का काम पिछले साल दिसंबर में शुरू हुआ था
अप्रैल में चुनाव की तैयारी
नगर विकास विभाग अप्रैल में निकाय चुनाव कराना चाहता है। इसको लेकर अंदर खाने में तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। अप्रैल के पहले हफ्ते तक निकाय चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करने की तैयारी है, जिससे चुनावी प्रक्रिया मई के पहले हफ्ते तक पूरी करा ली जाए।