यूपी : महंगाई भत्ता जल्द देने की मांग, सीएम को भेजा पत्र
लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने प्रदेश सरकार से जनवरी 2023 से महंगाई भत्ता देने संबंधित आदेश जारी करने की मांग की गई है। परिषद ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का भुगतान केंद्र के महंगाई भत्ता मिलने के आदेश होने के बाद करती रही है। सरकार का इस मामले में सकारात्मक रुख रहा है। प्रदेश के कर्मचारियों का जनवरी से देय महंगाई भत्ते का आदेश करने का निर्णय लें। परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने कहा है कि केंद्र ने एक जनवरी 2023 से अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 38% से बढ़ाकर 42% कर दिया है। जबकि प्रदेश का कर्मचारी अभी 38% ही महंगाई भत्ता पा रहा है।
यूपी में अप्रैल में डीए वृद्धि की घोषणा की तैयारी, 19 लाख को फायदा, एरियर GPF में भेजने पर होना है निर्णय
लखनऊ। प्रदेश में राज्य कर्मियों का महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ाने पर हर माह 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय भार आएगा। एरियर जीपीएफ में भेजने के बारे में निर्णय होना शेष है, इसलिए डीए वृद्धि की घोषणा अप्रैल में किए जाने की तैयारी है। इससे यूपी के करीब 19 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को फायदा मिलेगा।
दरअसल, केंद्र सरकार साल में दो बार महंगाई सूचकांक के आधार पर अपने कर्मियों के महंगाई भत्ता और पेंशनरों की महंगाई राहत (डीआर) में वृद्धि करती है। पहली होगा। बार यह वृद्धि 1 जनवरी से और दूसरी बार 1 जुलाई से लागू होती है। आम तौर पर केंद्र के बराबर ही राज्य सरकार भी डीए और डीआर में वृद्धि करती है। केंद्र सरकार ने 24 मार्च को डीए और डीआर में 4 फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की है।
यूपी में भी शासन ने इसके हिसाब से गणना कर ली है। उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, यहां भी डीए और डीआर को मूल वेतन पर 38 फीसदी से बढ़ाकर 42 फीसदी किया जाएगा। इससे सरकार को अपने कर्मियों और पेंशनरों पर प्रति माह 200 करोड़ रुपये अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
यह वृद्धि एक जनवरी से लागू होगी। अभी तक डीए का एरियर पुरानी पेंशन का लाभ ले रहे राज्य कर्मियों के जीपीएफ खाते में भेजा जाता रहा है, जबकि नई पेंशन स्कीम का लाभ ले रहे कर्मियों के लिए उस मूल्य की एनएससी खरीदनी होती है। नए प्रावधानों के तहत जीपीएफ में साल में पांच लाख रुपये से अधिक राशि जमा नहीं की जा सकती है।
आईएएस अधिकारियों के मामले में यह आदेश जारी कर दिया गया है, वहीं अन्य राज्य कर्मियों के मामले में यह प्रक्रिया में है। ऐसे में अब यह निर्णय लेना होना है कि पुरानी पेंशन का लाभ ले रहे कर्मियों को डीए के एरियर के भुगतान को लेकर क्या प्रक्रिया अपनाई जाए। वित्त विभाग के सूत्रों का कहना है कि एरियर जीपीएफ में भेजे जाने का पुराना नियम जारी रखते हैं तो तमाम कर्मियों के मामले में यह 5 लाख की सीमा को पार कर सकता है।