नई टैक्स व्यवस्था चुनेंगे तो आयकर में राहत, पुरानी व्यवस्था में छूट पहले जैसी ही
नई कर व्यवस्था में पहली बार छूट, 50 हजार रुपये की मानक कटौती शामिल
45,000 रुपये कर 9 लाख की आय पर नई व्यवस्था में
52,500 रुपये लाभ होगा 15.5 लाख से ज्यादा आय वाले वेतनभोगी को स्टैंडर्ड डिडक्शन में
1,50,000 टैक्स देना होगा 15 लाख रुपये की आय पर, पहले देना होता था 1.87 लाख
कारोबार पर स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा नहीं
अगर आप नौकरी के बजाय कारोबार से कमाई कर रहे हैं, तो मानक कटौती का फायदा नहीं मिलेगा। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि आपकी आय 7 लाख रुपये से एक रुपया भी ज्यादा हुई, तो कर चुकाना होगा।
रदाताओं को आठ साल बाद आयकर में राहत मिली है। लेकिन यह उनके लिए है, जो नई कर व्यवस्था को चुनेंगे। वित्त वर्ष 2023-24 यानी इस साल अप्रैल से इसे लागू किया जाएगा। पुरानी कर व्यवस्था वालों को पहले की तरह ही छूट मिलती रहेगी।
नई टैक्स व्यवस्था के तहत छूट की सीमा 7 लाख रुपये कर दी गई। पहले यह 5 लाख रुपये थी। वेतनभोगियों को एक और राहत दी गई है। नए टैक्स सिस्टम में 50,000 रुपये की मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) भी शामिल कर ली गई है। यानी, 7.5 लाख रुपये तक के वेतन पर कोई कर नहीं लगेगा। यह कटौती सिर्फ वेतन भोगियों के लिए है। पेंशन वालों के लिए सीमा 15,000 रुपये है। नई कर व्यवस्था में नई श्रेणी भी जुड़ी है। उनके लिए अब 3 लाख रुपये तक की आय कर मुक्त होगी। लोगों की कम रुचि को देखते हुए नई व्यवस्था में अब छह की जगह पांच ही श्रेणी होगी।
BUDGET 2023 : अब सात लाख तक की कमाई पर लगेगा जीरो टैक्स, इनकम टैक्स व्यवस्था में फिर बड़ा बदलाव
New Tax Regime Income Tax Slab
0-3 लाख तक कोई टैक्स नहीं
3 लाख से - 6 लाख तक : 5%
6 लाख से 9 लाख तक : 10%
9 लाख से 12 लाख तक: 15%
12 लाख से 15 लाख तक: 20%
15 लाख से ऊपर: 30%
Budget 2023: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 में सैलरीड क्लास को बड़ी राहत देते घोषणा की है कि अब सात लाख की तक कमाई करने वालों को शून्य टैक्स देना होगा. वहीं, टैक्स रिजीम में भी बदलाव किया गया है.
Budget 2023: वित्तमंत्री निर्मला ने आज संसद में बजट 2023 पेश किया. बजट में कई तरह की घोषणाएं की गई हैं. सरकार ने सैलरीड क्लास को राहत देते हुए बड़ा एलान किया है. इस बार के बजट में टैक्स स्लैब को घटाया गया है. पहले यह स्लैब सात थे. इस बार के बजट में इसको घटाकर पांच कर दिया गया है. हालांकि, पुराने टैक्स रिजीम को भी रखा गया है. लेकिन नए टैक्स रिजीम को डिफाल्ट किया गया है और पुरानी व्यवस्था को डिफाल्ट से हटा दिया गया है.
सरकार ने ओल्ड टैक्स रिजीम को फेज वाइज हटाने के लिए नई टैक्स रिजीम को आकर्षक बनाने की घोषणा की है। न्यू टैक्स रिजीम ही अब डिफॉल्ट टैक्स रिजीम होगा और किसी को ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत रिटर्न फाइल करना है तो उसे बदलना होगा।
बता दें, अबकी बार की व्यवस्था में अब सात लाख तक की कमाई करने वालों को टैक्स नहीं देना होगा. वहीं, 3-6 लाख रुपये पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा. 6-9 लाख रुपये पर 10 फीसदी, 9-12 लाख रुपये पर 15 फीसदी टैक्स देना होगा, 12-15 लाख पर 20 फीसदी टैक्स देना होगा और 15 लाख से ऊपर की कमाई करने वालों को 30 फीसदी टैक्स देना होगा.
भारत सरकार ने हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के लिए 1 अप्रैल, 2020 (वित्त वर्ष 2020-21) से शुरू होने वाली एक नई वैकल्पिक कर दर व्यवस्था की शुरुआत की. नतीजतन, धारा 115BAC को आयकर अधिनियम, 1961 (अधिनियम) में जोड़ा गया है, जो निर्दिष्ट कर कटौती या छूट को छोड़ने पर व्यक्तिगत करदाताओं और HUF के लिए कम कर दरों को निर्धारित करता है.
पुरानी व्यवस्था में लागू टैक्स दरें
2.5 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं देना होता है. 2.5 लाख से 5.0 लाख तक 5 फीसदी टैक्स लगता है. 5.0 लाख से 7.5 लाख तक की आय पर 20 फीसदी टैक्स देना होता है. 7.5 लाख से 10 लाख तक की कमाई पर 20 फीसदी टैक्स देना होता है. 12.5 – 15 लाख तक की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगता है. 15 लाख से ऊपर की आय पर 30 फीसदी टैक्स दोना होता है.
नई कर व्यवस्था की विशेषताएं
नई कर व्यवस्था ने 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर लागू उच्चतम कर दर के साथ 0% से 30% तक के सात कर स्लैब दरों के साथ कराधान के दायरे को बढ़ाया गया था. वहीं, नई व्यवस्था के विपरीत, पुरानी व्यवस्था में 0% से 30% तक चार टैक्स स्लैब थे, जिनकी अधिकतम दर 10 लाख रुपये से अधिक आय पर लागू थी.
अबकी बार के बजट के दौरान वित्तमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा है कि अब सात लाख की कमाई पर शून्य टैक्स देना होगा. वहीं, टैक्स स्लैब को कम कर दिया गया है. पहले सात टैक्स स्लैब थे. अब केवल पांच स्लैब होंगे. अब सरकार की तरफ से 3-6 लाख रुपये की आय पर 5 फीसदी टैक्स देना होगा. 6-9 लाख रुपये पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा. 9-12 लाख रुपये पर 15 फीसदी टैक्स देना होगा. 15 लाख से ऊपर की इनकम पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा.
सैलरीड क्लास और पेंशनभोगियों के लिए न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन के लाभ दिया गया है, जो पहले नहीं था । 15.5 लाख रुपये या उससे अधिक आय वाले प्रत्येक वेतनभोगी व्यक्ति को 52,500 रुपये तक का लाभ मिलेगा। वर्तमान में ओल्ड रिजीम के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये है और प्रोफेशनल टैक्स के लिए अधिकतम डिडक्शन 2,500 रुपये है।
इसके अलावा गैर-सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट पर टैक्स फ्री लीव इनकैशमेंट की सीमा भी बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है। पांच करोड़ रुपये से अधिक की सालाना इनकम पर सरचार्ज की रेट 37% से घटाकर 25% कर दी गई है।
बजट में महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को सौगात
- महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी. इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5% का ब्याज़ मिलेगा. वरिष्ठ नागरिक खाता स्कीम की सीमा 4.5 लाख से 9 लाख की जाएगी