ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया पर लगे रहने वाले पुलिसकर्मियों पर यूपी की योगी सरकार ने नकेल कस दी है। अब कोई भी पुलिस वाला ड्यूटी के दौरान पर्सनल इस्तेमाल के लिए फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। ड्यूटी के बाद भी वर्दी में रील बनाने पर रोक लगा दी गई है। कार्यस्थल से सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। योगी सरकार ने बुधवार को पुलिस वालों के लिए सोशल मीडिया की नई पॉलिसी जारी कर दी।
पॉलिसी के अनुसार थाना, पुलिसलाइन या कार्यालय के निरीक्षण और पुलिस ड्रिल या फायरिंग में भाग लेने का लाइव टेलीकास्ट या कार्यवाही से सम्बन्धित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। ऐसा करना गोपनीयता का उल्लंघन माना जाएगा। कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चैट, वेबीनार आदि में बतौर गेस्ट आमंत्रित किये जाने पर उसमें भाग लेने से पहले वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति लेना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
41 बिन्दुओं में समझिए क्या-क्या हुआ प्रतिबंधित
1-ड्यूटी के दौरान सोशल मीडिया का व्यक्तिगत प्रयोग प्रतिबन्धित रहेगा।
2-ड्यूटी के दौरान अपने कार्यालय या कार्यस्थल पर वर्दी में वीडियो/रील्स बनाने या किसी भी कर्मचारी द्वारा अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर लाइव टेलीकास्ट को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
3-ड्यूटी के बाद भी वर्दी में किसी भी प्रकार का ऐसा वीडियो अथवा रील्स जिससे पुलिस की छवि धूमिल होती हो, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड करने पर पाबंदी लगा दी गई है।
4-थाना/पुलिस लाईन/कार्यालय इत्यादि के निरीक्षण एवं पुलिस ड्रिल/फायरिंग में भाग लेने का लाईव टेलीकास्ट एवं कार्यवाही से सम्बन्धित वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करना गोपनीयता का उल्लंघन है। कार्य सरकार की गोपनीयता बनाये रखने के दृष्टिगत सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे प्रतिबन्धित किया जाता है।
5-अपने कार्यस्थल से सम्बन्धित किसी वीडियो/रील्स के जरिये शिकायतकर्ता के संवाद का लाइव टेलीकास्ट या वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड करना भी उस फरियादी की निजता का उल्लंघन हो सकता है। सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसे प्रतिबन्धित कर दिया गया है।
6-पुलिसकर्मियों के ड्यूटी के दौरान सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी प्रकार की कोचिंग, लेक्चर, लाइव प्रसारण, चैट, वेबीनार इत्यादि में आमंत्रित किये जाने पर उसमें भाग लेने से पहले वरिष्ठ अधिकारी को अनुमति लेना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
7-सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से पुलिसकर्मी किसी भी प्रकार की कमाई नहीं करेंगे। जब तक कि इस सम्बन्ध में उनके द्वारा सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त न कर ली जाये। (उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक आचरण नियमावली 1956 के नियम-15 में उल्लिखित है कि कोई सरकारी कर्मचारी, सिवाय उस दशा में जबकि उसने सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त कर ली हो, प्रत्यक्षतः या अप्रत्यक्षतः किसी व्यापार या कारोबार में नहीं लगेगा और न ही कोई नौकरी करेगा।)
8-सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म से किसी भी व्यक्तिगत, व्यवसायिक कम्पनी अथवा उत्पाद/सेवा का प्रचार-प्रसार किया जाना प्रतिबंधित किया जाता है।
9-सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिसकर्मियों द्वारा ऐसी कोई जानकारी साझा नहीं की जाएगी, जो उन्हें अपनी विभागीय नियुक्ति के कारण प्राप्त हुई हो। ऐसी कोई जानकारी तभी साझा की जा सकेगी, जब वह कार्मिक इस कार्य के लिये अधिकृत हों।
10-निजता एवं सुरक्षा के कारणों से सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिसकर्मियों द्वारा अपनी अथवा किसी अन्य पुलिसकर्मियों की विशेष नियुक्ति या व्यक्तिगत विवरण का उल्लेख नहीं किया जाएगा। अभिसूचना संकलन या किसी गुप्त ऑपरेशन (Under cover operation) में संलग्न पुलिसकर्मियों द्वारा इस प्रावधान का सख्ती से अनुपालन किया जाएगा।
11-अपराध के अन्वेषण, विवेचनाधीन या न्यायालय में लम्बित प्रकरणों से संबंधित कोई गोपनीय जानकारी सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं की जाएगी एवं उन पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी। उपरोक्त विषय वस्तु पर सक्षम अधिकारी द्वारा अधिकृत या सक्षम अधिकारी द्वारा ही आवश्यक जानकारी सार्वजनिक प्रेस नोट द्वारा साझा की जाएगी।
12-किसी भी गोपनीय सरकारी दस्तावेज, हस्ताक्षरित रिपोर्ट अथवा पीड़ित के प्रार्थना-पत्र को सरकारी या व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाला जाएगा।
13-किसी भी यौन शोषित पीड़िता या किशोर/किशोरी तथा किशोर आरोपित दोषी (जुवेनाइल ऑफेंडर्स) की पहचान अथवा नाम व अन्य सम्बन्धित विवरण सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उजागर नहीं किया जाएगा।
14-जिन आरोपियों की शिनाख्त परेड बाकी हो, उनका चेहरा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
15-सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर महिलाओं एवं अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की गरिमा को प्रभावित करने वाले या उनकी गरिमा के विपरीत कोई भी टिप्पणी नहीं की जाएगी।
16-सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिकों द्वारा पुलिस विभाग, किसी वरिष्ठ अधिकारी या अपने सहकर्मी के विरुद्ध कोई आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की जायेगी, जिससे विभागीय गरिमा प्रभावित हो।
17-पुलिस कार्मिकों द्वारा विभाग में असंतोष की भावना फैलाने वाली पोस्ट अथवा सामग्री सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं की जायेगी।
18-पुलिस की टैक्टिस, फील्ड क्राफ्ट, विवेचना या अपराध के अन्वेषण में प्रयुक्त होने वाली तकनीक की जानकारी सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर साझा नहीं की जायेगी।
19-पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकार या उसकी नीतियों, कार्यक्रमों अथवा राजनैतिक दल, राजनैतिक व्यक्ति, राजनीतिक विचारधारा एवं राजनेता के संबंध में सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कोई टिप्पणी नहीं की जायेगी।
20-पुलिस कार्मिकों द्वारा अश्लील/हिंसात्मक भाषा का प्रयोग एवं अश्लील फोटो/वीडियो, सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट अथवा साझा नहीं किया जायेगा।
21-पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से की जाने वाली पोस्ट में किसी जाति, धर्म, वर्ग, सम्प्रदाय, व्यवसाय, सेवाएं, संवर्ग, लिंग, क्षेत्र, राज्य इत्यादि के संबंध में भेदभाव पूर्ण, पूर्वाग्रह या दुराग्रह से ग्रसित कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी।
22-राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील प्रकरणों में, सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कोई टिप्पणी नहीं की जाएगी।
23-माननीय न्यायालयों द्वारा निर्गत दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ऐसी कोई पोस्ट नहीं की जायेगी और न ही ऐसी कोई विषयवस्तु साझा की जायेगी, जिससे मा0 न्यायालयों की अवमानना की स्थिति उत्पन्न हो।
24-पुलिस कार्मिकों द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से ऐसे किसी व्यक्ति के साथ फोटो पोस्ट नहीं की जायेगी, जो आपराधिक/अवांछित/गैरसामाजिक गतिविधियों में लिप्त हो, या रहा हो, या जिसका इस प्रकार का आपराधिक इतिहास हो।
25-सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पुलिस कार्मिकों द्वारा मित्रों का चयन करते समय सतर्कता बरतना अपेक्षित है। पुलिस कार्मिक ऐसे किसी व्यक्ति को मित्र न बनायें अथवा फॅालो न करें, जो असामाजिक/आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो।
26-पुलिस कार्मिकों द्वारा किसी भी प्रकार के मादक पदार्थों के प्रभाव में तथा मादक पदार्थों के साथ फोटो/वीडियो व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से पोस्ट/साझा (Share) नहीं की जायेगी।
27-पुलिस के ‘‘सराहनीय कार्य’’ से सम्बन्धित पोस्ट में अभियुक्तों की फोटो/वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ब्लर करके ही पोस्ट/साझा की जायेगी।
28-पुलिस कार्यवाही के दौरान बरामद माल एवं हथियार को बिना सीलमोहर किये हुए फोटो/वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नहीं डाली जायेगी।
29-पुलिस कार्मिकों द्वारा गश्त/वाहन चेकिंग के दौरान मौके पर मोबाइल से फोटो/वीडियो लेते समय Geo Tagging के विकल्प को बंद रखा जाएगा।
30-गश्त/पेट्रोलिंग या राजकीय कार्यों के निष्पादन के समय कार्यक्षेत्र में मिलने वाले व्यक्तियों की फोटो/वीडियो आवश्यकता पड़ने पर ब्लर करके ही सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डाली जायेगी।
31-पुलिस की वर्दी, सरकारी अस्त्र-शस्त्र/वाहन इत्यादि का प्रयोग करते हुए, पुलिस कार्मिक के परिजन/मित्रों इत्यादि द्वारा कोई वीडियो/फोटो अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से अपलोड नहीं किया जायेगा।
32-पुलिस कार्मिकों द्वारा व्यक्तिगत कार्यों/व्यक्तिगत आयोजनों से सम्बन्धित फोटो/वीडियो सरकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पोस्ट/साझा नहीं किया जायेगा।
33-पुलिस कार्मिकों द्वारा इण्डियन कॉपी राईट एक्ट, 1957 / द कॉपी राईट एक्ट, 1957 का उल्लंघन किये जाने वाली कोई भी पोस्ट, फोटो/वीडियो सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अपलोड /साझा नहीं की जायेगी।
34-पुलिस कार्मिकों द्वारा किसी भी प्रकार के सांकेतिक विरोध से सम्बन्धित प्रतीक को सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट के डीपी/प्रोफाइल पिक्चर आदि के रूप में नहीं लगाया जायेगा।
35-पुलिसकार्मिक द्वारा सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट की डीपी/प्रोफाइल पिक्चर पर किसी भी संगठन या राजनीतिक दल आदि से सम्बन्धित प्रतीक नहीं लगाया जायेगा।
36-पुलिस कार्मिक, सरकारी एवं व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से ऐसे किसी भी वाट्सएप ग्रुप, पेज इत्यादि को ज्वाइन नहीं करेंगे, जो पुलिस विभाग या सरकार के विरोध में हो एवं जाति, सम्प्रदाय, क्षेत्रवाद आदि के नाम पर बनाया गया हो और न ही स्वयं ऐसा कोई ग्रुप बनायेंगे।
37-पुलिस कार्मिक सरकारी सोशल मीडिया एकाउंट को अपने व्यक्तिगत मोबाइल पर लॉगिन नहीं करेंगे। सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर व्यक्तिगत एकाउंट बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि सरकारी मोबाइल नम्बर, इण्टरनेट, वाईफाई, आईपी एड्रेस, ई-मेल आईडी का प्रयोग नहीं किया जायेगा।
38-सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्राप्त होने वाली पोस्ट, फोटो/वीडियो को सत्यापन किये बिना अग्रसारित नहीं किया जायेगा एवं किसी भी अफवाह अथवा भ्रामक खबर की पुष्टि हेतु फैक्ट चेक के लिये ट्विटर हैण्डिल @UPPViralCheck फेसबुक पेज @UPPFactCheck एवं इन्स्टाग्राम एकाउंट @UPPFactCheck पर जानकारी किये जाने के साथ-साथ मुख्यालय के सोशल मीडिया सेन्टर से भी इसकी पुष्टि की जा सकती है।
39-पुलिस कार्मिक द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से सेवा सम्बन्धी प्रकरणों का निराकरण करने हेतु वीडियो अथवा पोस्ट अपलोड/साझा नहीं किया जायेगा। कार्मिकों द्वारा अपने सेवा सम्बन्धी प्रकरणों के निस्तारण हेतु विभागीय प्रक्रिया का पालन किया जाएगा।
40-सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रचलित ऑनलाइन पोल/वोटिंग पर किसी भी सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट से बिना अनुमति के प्रतिभाग नहीं किया जाएगा न ही उक्त संबंध में कोई टिप्पणी की जाएगी।
41-पुलिस कार्मिकों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किसी भी व्यक्ति को ट्रोल अथवा बुली (Bullying) नहीं किया जायेगा।
यह छूट भी मिली
1-एक सामान्य नागरिक के रूप में व्यक्तिगत एकाउन्ट से सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर की गई अभिव्यक्ति में यह स्पष्ट किया जाये कि उक्त विचार उनके निजी विचार हैं एवं इससे विभाग का कोई सरोकार नहीं है।
2-सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर की जाने वाली टिप्पणी के लिये संबंधित कार्मिक व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होगा।
3-पुलिस कार्मिकों द्वारा अपने कार्य सरकार को प्रभावित किये बिना, कर्तव्य-निर्वहन, जन-सहायता, जनसेवा, मानवतापूर्ण कार्यों एवं व्यक्तिगत उपलब्धि से सम्बंधित पोस्ट, फोटो/वीडियो को अपने व्यतिगत सोशल मीडिया एकाउन्ट से साझा किया जा सकता है।
4-पुलिस कार्मिक, राजकीय कार्य से सम्बन्धित ऑनलाइन गतिविधियों यथा वेबिनार, मीटिंग आदि में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर या उनसे अनुमति प्राप्त कर सम्मिलित हो सकते हैं। उक्त के अतिरिक्त अन्य ऑनलाइन गतिविधियों के संदर्भ में उ0प्र0 सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956(यथा संशोधित 1998, 2002) के प्रावधान यथावत् लागू रहेंगे, जिसमें उल्लिखित है --
5-कोई कर्मचारी स्वीकृति प्राप्त किये बिना कोई सामाजिक या धमार्थ प्रकार का अवैतनिक कार्य या कोई साहित्यिक कलात्मक या वैज्ञानिक प्रकार का आकस्मिक कार्य कर सकता है, लेकिन शर्त यह है कि इस कार्य के द्वारा उसके सरकारी कर्तव्यों में कोई अड़चन नहीं पड़ती है तथा वह ऐसा कार्य हाथ में लेने से एक महीने के भीतर ही अपने विभागाध्यक्ष को और यदि स्वयं विभागाध्यक्ष हो तो सरकार को सूचना दे दें, किन्तु यदि सरकार उसे इस प्रकार का कोई आदेश दे, तो वह ऐसा कार्य हाथ में नहीं लेगा और उसने हाथ में ले लिया है तो बन्द कर देगा।
6-पुलिस कार्मिक द्वारा कार्य को प्रभावित किये बिना अपने व्यक्तिगत सोशल मीडिया एकाउंट से पुलिस के सराहनीय कार्यों से सम्बन्धित पोस्ट को री-ट्वीट/शेयर/लाईक/कमेन्ट किया जा सकता है।