जो पुरानी पेंशन देगा, उसी का करेंगे समर्थन, रेलकर्मियों के परिजन भी अब लेंगे आंदोलन में भाग, सितंबर 23 से रेलकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं
प्रयागराज। ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के महामंत्री शिवगोपाल मिश्र ने सोमवार को कहा कि अगले वर्ष लोकसभा चुनाव में जो दल पुरानी पेंशन देने का वादा करेगा, उसी का रेलकर्मी समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी या फिर भाजपा से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है। हमारी सिर्फ इतनी मांग है कि पुरानी पेंशन लागू की जाए अन्यथा सितंबर 23 से रेलकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं।
सोमवार को नार्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन की मंडल समिति की बैठक में शिरकत करने के लिए प्रयागराज पहुंचे एआईआरएफ महामंत्री ने संवाददाताओं से हुई बातचीत में कहा कि पुरानी पेंशन बहाली लागू करवाने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
कहा कि दस से 20 फरवरी तक देश भर में रेलकर्मी और उनके परिजनों के हस्ताक्षर करवाकर 21 फरवरी को राष्ट्रपति को एक पत्र भेजा जाएगा। कुल एक करोड़ लोगों का हस्ताक्षर करवाने का लक्ष्य है। इसके एक माह बाद 21 मार्च को देश की हर तहसील पर रेलकर्मी प्रदर्शन करेंगे।
21 अप्रैल को सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन होगा। फिर 21 मई को देश भर में रेलकर्मी अपने परिवार के सदस्यों के साथ अपने- अपने शहर में मशाल जुलूस निकालेंगे। इसी तरह जून माह में सभी राज्यों की राजधानी में प्रदर्शन होगा। हालांकि इसकी तारीख अभी तय नहीं है।
शिवगोपाल मिश्र ने बताया कि संसद के जुलाई में शुरू होने वाले मानसून सत्र में दिल्ली में पांच लाख लोगों की एक विशाल रैली निकाली जाएगी, जो संसद तक जाएगी। अगर इसके बाद भी सरकार न चेती तो सितंबर से रेलकर्मी हड़ताल पर जा सकते हैं। अनिश्चितकालीन हड़ताल 19 सितंबर से हो सकती है। कहा कि इन सभी आंदोलन की सफलता के लिए गांव- गांव समितियों का गठन किया जा रहा है। गांवों में भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
शिवगोपाल ने मेंस यूनियन के जोनल महामंत्री आरडी यादव की मौजूदगी में कहा कि निजीकरण को लेकर किए गए आंदोलन की वजह से सरकार ने अपने कदम खींचे हैं। इस दौरान आम बजट में रेलवे का बजट बढ़ाने के निर्णय का उन्होंने स्वागत भी किया।