ऊंची पेंशन के लिए घर बैठे आवेदन की सुविधा, EPFO ने जारी किया सर्कुलर, पात्र अंशधारक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे
नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने उच्च पेंशन के लिए खास सुविधा शुरू की है। इसके लिए पात्र पेंशनधारक अब ईपीएफओ मेंबर पोर्टल पर संयुक्त विकल्प के तहत ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ईपीएफओ ने इसकी अनुमति दी है।
इसके तहत ईपीएफओ ने 29 दिसंबर, 2022 को उच्च पेंशन के पात्र कर्मचारियों के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू करने संबंधित सर्कुलर जारी किया था। जारी सर्कुलर में ईपीएफओ ने कहा कि पेंशनभोगी जिन्होंने कर्मचारी के रूप में 5,000 रुपये या 6,500 रुपये की तत्कालीन वेतन सीमा से अधिक वेतन में जमा किया था और संशोधन-पूर्व योजना के साथ ईपीएस के तहत संयुक्त विकल्प को चुना था अब उन्हें उच्च पेंशन का लाभ मिलेगा। ईपीएफओ ने कहा है कि अब ऐसे पात्र कर्मचारी ईपीएफओ की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी राहत पिछले साल नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 2014 के कर्मचारी पेंशन स्कीम संशोधन को बरकरार रखा था। इसकी वजह से ईपीएफओ के अंशधारकों को उच्च पेंशन लेने का विकल्प चुनने का एक और मौका मिला। जो कर्मचारी एक सितंबर, 2014 को ईपीएस के सदस्य थे, उन सभी को वास्तविक वेतन से अधिकतम 8.33 फीसदी हिस्सा पेंशन के लिए तत्कालीन ईपीएस में जमा करने की अनुमति थी। सुप्रीम कोर्ट के संबंधित आदेश के तहत ईपीएस सदस्य को संसोधित योजना चुनने के लिए छह महीने का समय दिया गया था।
यूएएन पोर्टल पर लॉगइन करना होगा
उच्च पेंशन के लिए एक सितंबर, 2014 से पहले रिटायर हो चुके और संयुक्त विकल्प के तहत तत्कालीन पेंशन स्कीम को चुनने वाले कर्मचारी ईपीएफओ की इस खास सुविधा के तहत यूएएन पोर्टल पर लॉग इन कर सकते हैं। पात्र कर्मचारी इस पोर्टल पर जाकर अपना आवेदन जमा कर सकते हैं।
हर माह की 10 तारीख को खास सुविधा
ईपीएफओ अपने सदस्यों की समस्याओं के लिए अपने स्थानीय कार्यालय में हर माह की 10 तारीख को भविष्य निधि आपके निकट नाम से समाधान कार्यक्रम आयोजित करता है। यदि 10 तारीख को छुट्टी होती है तो उस दिन यह कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाता और अगले कार्यदिवस पर इसको आयोजित किया जाता है।
इन समस्याओं का हल
इसके तहत ईपीएफओ कार्यालय पर अधिकारियों की ओर से सभी समस्याओं को सुना जाता है। इसमें पेंशन से जुड़ी समस्या, बकाया पीएफ राशि, पीएफ बैलेंस की जानकारी, बंद हुआ खाता, नियोक्ता और कर्मचारी के बीच विवाद या फिर अन्य समस्या सुनी जाती है।